बायपास के एक किमी क्षेत्र में 5 से ज्यादा वाहन दुर्घटनाग्रस्त, क्षतिग्रस्त वाहनों से हादसे का अंदेशा

कई जगह कोरोना से हो रही मौतें से डर का माहौल है, वहीं शहर में इससे ज्यादा खतरा सड़क दुर्घटना से बढ़ गया। पिछले 50 दिनों में कोरोना से सिर्फ एक मौत हुई, जबकि एक सप्ताह में 10 से ज्यादा हादसों में तीन ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया, 15 से ज्यादा यात्री घायल हो गए।
बायपास के एक किमी क्षेत्र में हाल ही में हुई दुर्घटनाओं में क्षतिग्रस्त वाहन अब भी सड़क किनारे पड़े हैं, इनसे दूसरे वाहनों के हादसे होने का अंदेशा है। हाइवे पर मई की शुरुआत से यातायात शुरू करने की अनुमति मिलते ही हादसे भी होने लगे। रविवार-सोमवार रात बायपास पर हुई दुर्घटना में महिदपुर के एक युवक की मौत हो गई थी। इसके अलावा सोमवार-मंगलवार को सारंगपुर के पास कार चालक की मौत हो गई। पनवाड़ी के पास लगातार तीन दिनों तक दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें इंदौर से परिवार सहित यूपी जा रहे एक युवक की मौत बिजली के खंभे से भिड़ंत होने के बाद हो गई थी। इसके अगले दिन मैजिक पलटने से कोरेसिंह पिता हनुमंत प्रसाद ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया था। यानी 15 मई के बाद मक्सी-शाजापुर के 50 किमी हाइवे पर 10 से ज्यादा दुर्घटना में 15 से ज्यादा लोग घायल भी हुए।

बीमा के चक्कर में पड़े वाहन
19 मार्च की रात हुए हादसे में मुर्गियों से भरी आयशर सहित करीब पांच वाहन अभी भी सड़क किनारे और डिवाइडरों के बीच पड़े हैं। ट्रक मालिकों की मानें तो उनकी बीमा कंपनी ने लॉकडाउन के कारण वाहनों का निरीक्षण तक नहीं किया। ऐसे में मौके से वाहन हटाने में देरी हो गई।
लॉकडाउन 35 दिन में 8 हादसे
जनता कर्फ्यू और बाद में 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के कारण हाइवे का यातायात बंद कर दिया गया था। शुरुआती 35 दिनों में ही हादसों में भारी कमी दिखी। लॉकडाउन के पहले तीन माह में जहां 133 हादसे सामने आए थे, वहीं इन 35 दिनों में 8 दुर्घटनाएं हुई। इसमें भी कोई जन हानि नहीं हुई।

क्षतिग्रस्त वाहन देखने के लिए चक्कर में हुई भिड़ंत
रविवार-सोमवार रात हुए हादसे का बड़ा कारण क्षतिग्रस्त वाहन और सड़क मरम्मत को भी बताया जा रहा है। मंगलवार को अकोदिया से महाराष्ट्र जा रहे ट्रक के चालक भारतसिंह ने बताया सड़क मरम्मत का काम चल रहा था। इससे वह रांग साइड में घुस गया। दूसरे ट्रक में बैठे संजय ने बताया सड़क किनारे क्षतिग्रस्त वाहन को देखने के चक्कर में दोनों वाहन की भिड़ंत हो गई। पिछले दिनों हुए हादसों के 4-5 क्षतिग्रस्त वाहन अब भी पड़े हैं। जिम्मेदारों ने इन्हें हटाने की ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि टोल कंपनी ने ट्रैफिकबाधित न हो इसके लिए वाहनों को किनारों पर कर दिया।

टोल कंपनी को पत्र लिखेंगे
ट्रैफिकप्रभारी सूबेदार सत्येंद्र राजपूत के अनुसार हादसों के बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने संबंधित थानों और टोल कंपनी को वाहनों को हटाने के निर्देश दिए थे। कुछ वाहन तो हटा दिए गए पर कुछ अभी भी वहीं पड़े हैं। ऐसे में एक बार फिर पत्र लिखकर क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाया जाएगा।



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11 किमी के बायपास पर पतोली जोड़ से बिजाना जोड़ तक सड़क पर पड़े हैं क्षतिग्रस्त वाहन।


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