धर्मस्थल खोलने के पहले होगी धर्मगुरुओं के साथ बैठक, होम डिलीवरी सिस्टम को करेंगे मजबूत
मंगलवार को हुई आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में भीड़ बढ़ने की आशंका को देखते हुए इस बात पर सहमति बनी कि अभी शहर में धर्मस्थल न खोले जाएं। यह भी तय हुआ कि तीन-चार दिन में धर्मगुरुओं और धर्मस्थल प्रबंधकों की बैठक बुलाकर भीड़ नियंत्रण की योजना बनाएं, उसके बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें खोला जाए।
सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी तय हुआ कि सैलून, पार्लर नहीं खोले जाएं, क्योंकि वहां संक्रमण का खतरा है। ऑटो, टैक्सी शुरू करने पर सभी ने सहमति जताई, लेकिन पहले ड्राइवरों को ट्रेनिंग देने का सुझाव आया। शॉपिंग मॉल फिलहाल नहीं खुलेंगे, जबकि रेस्त्रां से होम डिलीवरी ही जारी रहेगी। होटलों को सीमित कमरों के साथ खोलने पर सहमति बनी, ताकि बाहर से आने-जाने वालों को रुकने की सुविधा मिल सके। बाजारों को ऑड-ईवन सिस्टम से खोलने का निर्णय हुआ है।
ये सुझाव भी: कंटेनमेंट क्षेत्र को करें डिनोटिफाई
- पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कहा, अब लोगों को काम करने दें, इसलिए बाजार की सभी दुकानें खोल देना चाहिए। जहां पर भीड़ की संभावना है, वहां दुकानदार फोन पर आर्डर ले और होम डिलीवरी करे।
- गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि एक दिन जवाहर मार्ग और इससे लगा बाजार पूरी तरह खोलें और अगले दिन इसे बंद रख एमजी रोड को खोल दें। मध्य क्षेत्र के बाजार को ऑड-ईवन आधार पर खोला जा सकता है।
- विधायक रमेश मेंदोला ने बाजार खोलने पर सहमति जताई, जबकि आकाश विजयवर्गीय व महेंद्र हार्डिया ने कंटेनमेंट जोन को डिनोटिफाई करने और मुख्य मार्गों को खोलने की मांग की। उषा ठाकुर ने अभी महू नहीं खोलने का सुझाव दिया।
- पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने भी लिखित में सुझाव भेजे। सिटी एरिया जोन टू में सभी निजी दफ्तर व दुकानें खोलने पर सहमति बनी।
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