लॉकडाउन में हैल्दी हुई शहर की आबोहवा

हमारे प्रतिनिधि, जबलपुर। जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से शहर की आबोहवा सुधर गई है। लॉकडाउन के पहले जहाँ शहर का एक्यूआई 100 से ऊपर रहता था, अब यही एक्यूआई 30 से 70 पर आकर सिमट गया है। इसके मुताबिक शहर में हवा की क्वाॅलिटी को अच्छा व संतोषजनक कहा जाएगा। शहर के इस वातावरण में वे श्वास रोगी भी खुलकर साँस ले पा रहे हैं जो कभी सड़कों पर निकलने से भी बचते थे। शहर की आबोहवा में यह बदलाव वाहनों के थमने, व्यावसायिक गतिविधियाँ बंद होने से आया है। इसकी वजह से पार्टिकुलर मैटर का स्तर कम हुआ है और हवा में घातक एसओ 2 और एनओ 2 गैसों का स्तर तेजी से घटा है।

क्या है एक्यूआई| वायु की गुणवत्ता की माप के लिए विश्व के विभिन्न देशों में एयर क्वाॅलिटी इंडेक्स मतलब बनाये गये हैं। ये इंडेक्स वायु की गुणवत्ता को मापते हैं और बताते हैं कि वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड के मुताबिक है या नहीं।

नदी पुनर्जीवन के लिए नदियों का चयन
नदियों में जल प्रवाह को बढ़ाने के लिये शासन की नदी पुनर्जीवन योजना पर अमल किया जा रहा है। सम्भाग की आठ नदियों के पुनर्जीवन के िलए चार लाख 46 हजार 303 हेक्टेयर एरिया को उपचारित किया जाना है। जबलपुर में कनाड़ी नदी का चयन किया गया है।


0-50 होने पर अच्छी कहलाती है आबोहवा

51-100 को संतोषजनक कहा जाता है, इसमें अति संवेदनशील लोगों के लिए साँस लेने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
101-200 मध्यम श्रेणी में गिना जाता है। मतलब इसमें बच्चों, बुजुर्गों व दमा पीड़ितों को साँस लेने में दिक्कत होगी।

201- 300 का स्तर खराब की श्रेणी में आता है। इस स्तर पर साँस लेने में दिक्कत होती है, यह हवा हार्ट पेशेंट के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
301-500 के बीच का एक्यूआई बेहद खतरनाक होता है। ऐसी आबोहवा न केवल बीमार, बल्कि सामान्य व्यक्ति को भी साँस संबंधी दिक्कतें दे सकती है।



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City gets cold in lockdown


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