केंट क्षेत्र में हर तरफ कमजोर हाेर्डिंगों की भरमार ननि के यूनिपोल की मजबूती जाँचने पैमाना नहीं

इन दिनों देश में तूफानों का कहर चल रहा है। पहले अम्फान आया और बाद में निसर्ग ने जानलेवा तबाही मचाई। हमारे शहर में अभी तक जो अंधड़ चला उसकी अधिकतम रफ्तार 48 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। यह वर्ष 2015 में रिकॉर्ड किया गया था और उस दौरान शहर में कई होर्डिंग्स धराशायी हुए थे। अब तो सबसे अधिक होर्डिंग्स केंट क्षेत्रों में लगे हैं और इनकी मजबूती की कोई जाँच नहीं होती, इसी प्रकार यदि तूफानों का आनाजाना लगा रहा तो शहर में किसी भी िदन 50 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से अंधड़ चलेगा तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही कैसी होगी और कितने लोगों की जान पर बन आएगी। नगर निगम ने होर्डिंग्स के स्थान पर यूनिपोल लगाने की अनुमति तो दे दी लेकिन उनकी मजबूती जाँचने का कोई पैमाना नहीं है और न ही कभी ऐसा किया गया। ये इतने वजनदार होते हैं कि यदि िकसी वाहन पर गिर जाएँ तो निश्चित ही वाहन की चटनी बन जाएगी।
पिछले िदनों रीवा में होर्डिंग के गिरने से एक बैंक मैनेजर की मृत्यु हो गई थी और इसके बाद से ही पूरे प्रदेश में लोगों का आक्रोश इस बात पर है िक नगरीय निकाय केवल पैसा कमाने में लगे हैं और उन्हंे लाेगों की जान की कोई परवाह नहीं है। केंट बोर्ड ने नियमों को ताक पर रखते हुए होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदान की है जबकि प्रदेश में आउटडोर मीडिया पॉलिसी लागू है और उसके तहत होर्डिंग्स अवैध घोषित हो चुके हैं उनके स्थान पर यूनिपोल लगाए जाने हैं लेकिन केेंट बोर्ड खुद को प्रदेश सरकार से अलग मानता है और यही कारण है िक केंट क्षेत्रों में हर तरफ अवैध होर्डिंग्स लगे हुए हैं जिनकी कोई जाँच नहीं कराई जाती है।
सब अनजान } कितना लोहा, कितना कांक्रीट किसी को नहीं पता
शहर में लगाए गए यूनिपोल के सम्बंध में ननि अिधकारियों को जानकारी नहीं है िक एक यूनिपोल मंे कितना लोहा लगाया गया है और उसे जमीन में कितनी गहराई तक गाड़ा गया है, उसमें कितना कांक्रीट किस स्तर का लगाया गया है, किस इंजीनियर के सामने स्ट्रक्चर खड़ा किया गया है यह भी िकसी को नहीं पता। चौंकाने वाली बात तो यह है िक यूनिपोल के स्ट्रक्चर की डिजाइन मद्रास आईआईटी तक से ली जाती है और उसे िनगम में जमा किया जाता है लेकिन उसी के अनुसार काम हो रहा है िक नहीं यह िकसी को नहीं पता होता है।
कटंगा तिराहे पर आड़े-तिरछे होर्डिंग
सदर मेन रोड पर तो केंट बोर्ड ने तमाम नियमों को नकारते हुए होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदान की है। यहाँ एक लाइन से करीब आधा सैकड़ा होर्डिंग्स लगे हुए हैं और वहीं पर वाहनांे की पार्किंग होती है। कटंगा तिराहे पर आड़े-तिरछे होर्डिंग्स लगाने की अनुमति दी गई है जबकि हकीकत यह है िक िकसी भी तिराहे या चौराहे पर होर्डिंग लगाने की अनुमति नहीं है बल्कि उनसे 50 मीटर की दूरी पर ही यूनिपोल लगाए जा सकते हैं।
रीवा में हुए हादसे के बाद हम हर यूनिपोल की जाँच कराने की तैयारी कर रहे हैं। इनके स्ट्रक्चर्स के िलए स्ट्रक्चरल इंजीनियर का प्रमाण पत्र माँगा जाता है और उसके बाद ही अनुमति दी जाती है। अब उसी के आधार पर जाँच कराई जाएगी अगर कोई भी खामी पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई होगी।
-भूपेंद्र सिंह, होर्डिंग प्रभारी नगर िनगम
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