105 दिन बाद शुरू हुई खेरची नीलामी लेकिन व्यापारियों के विरोध से छोटे किसानों पर मार
करीब 105 दिन बाद शुरू हुई अनाज की खेरची नीलामी का विरोध शुरू हो गया है। व्यापारियों ने मंडी प्रशासन को पत्र सौंपा है। इसमें लिखा है कि खेरची नीलामी में ज्यादा संख्या में किसान आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण फैल सकता है। इससे खेरची नीलामी में शामिल नहीं होंगे। अनाज मंडी में यह नीलामी छोटे किसानों के लिए होती है। चूंकि मंडी में नीलामी होती है इससे किसानों को भाव अच्छे मिलते हैं। मंडी प्रशासन ने दो दिन पहले 10 जुलाई से मंडी में यह नीलामी फिर से शुरू की थी। पर व्यापारी इसके विरोध में उतर गए।
प्लेटफॉर्म पर व्यापारियों का माल रखा, इसलिए विरोध
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ललित पालीवाल ने बताया नीलामी सप्ताह में दो दिन शुक्रवार और शनिवार को होगी। इसमें भी दूसरे और चतुर्थ शनिवार को बैंक की छुट्टी होने से नहीं होगी। इससे महीने में मुश्किल से छह दिन ही खेरची नीलामी होगी। उसके बाद भी व्यापारी विरोध में उतर गए और बोल रहे हैं कि खेरची नीलामी में छोटे किसान ज्यादा आ रहे हैं। इससे संक्रमण फैल सकता है। जब रोजाना 350 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉलियां आ रही हैं और व्यापारी उनकी नीलामी कर रहे हैं तो कोरोना नहीं फैल रहा है और छोटे किसान अपनी दो चार बोरी खेरची नीलामी के लिए ला रहे हैं तो कोरोना फैल सकता है। व्यापारियों द्वारा विरोध करने की वजह यह है कि उनका माल प्लेटफॉर्म पर पड़ा है क्योंकि प्लेटफॉर्म की नीलामी चलेगी तो व्यापारी अपना माल कहां रखेगा। यदि खेरची नीलामी बंद होती है तो किसानों का शोषण होगा।
एक नीलामी में शामिल होंगे
व्यापारी मनोज जैन ने बताया शुक्रवार को खेरची नीलामी शुरू हुई तो साथ में ट्रॉलियों में भी नीलामी हुई। इससे भीड़ बढ़ गई। हम दोनों नीलामी में एक साथ भाग नहीं ले सकते हैं। जिस दिन खेरची नीलामी हो उस दिन ट्रॉलियों में नीलामी नहीं होना चाहिए। हम एक ही नीलामी में भाग लेंगे।
व्यापारियों का आवेदन मिला है
मंडी सचिव एमएल बारसे ने बताया व्यापारियों का पत्र मिला है कि हम खेरची नीलामी में शामिल नहीं होंगे। इस संबंध में चर्चा की जाएगी। इस संबंध में जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी।
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