1300 में से अब सिर्फ 66 सैंपल किट ही बची इंदौर से 3-4 दिन में आ रही कोरोना की रिपोर्ट

कोरोना जांच के मामले में जिले की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। दो दिनों में सिर्फ 10 सैंपल की जांच हो पाई। ट्रू नाट मशीन से जांच के लिए लगने वाली सैंपल किट खत्म हो रही है। 1300 किट में से अब मात्र 66 बची हैं। इस बीच सोमवार रात से मंगलवार शाम तक 3 नए पॉजिटिव केस मिले। इनमें से दो रिपोर्ट इंदौर भेजे गए सैंपलों की है। एक पेटलावद की रिपोर्ट झाबुआ लैब की जांच में पॉजिटिव आई। राणापुर में सोमवार शाम दो सड़कों से कंटेनमेंट एरिया और बफर जोन खत्म करके रास्ते खोले गए।
ट्रू नाट (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट) से झाबुआ लैब में जांच का काम 15 जून से शुरू हुआ था। शुरुआत में 1200 जांच किट भेजी गई और बाद में 100 और भेज दी। 15 जुलाई तक ही इनमें से 1180 के लगभग किट खत्म हो चुकी थी। तब से अब तक 13 दिन में सिर्फ 57 सैंपल लिए गए। यानी हर दिन औसत 4 सैंपल से कुछ ज्यादा। जिले से बार-बार मांग के बावजूद इस पद्धति से जांच के लिए किट नहीं मिल पा रही। टेस्ट की स्पीड कम होने से पॉजिटिव आने वालों की संख्या भी कम होती जा रही है। अब दो दिन में सिर्फ 3 मरीज सामने आए। जबकि जब टेस्ट हो रहे थे, तब 18 से 21 मरीज तक एक दिन में पॉजिटिव मिले थे।
ये हैं दो तरह की किट का फर्क
- वीएलएम (वायरस लाइसिस मीडियम) किट से यहां जांच की जाती है। इस किट में 90 प्रतिशत तक वायरस खत्म हो जाता है। इसलिए ये सुरक्षित मानी जाती है।
- इंदौर भेजे जाने वाले सैंपल वीटीएम (वायरस ट्रांसपोर्ट मीडियम) किट से लिए जाते हैं। ये किट यहां की मशीन में उपयोग नहीं आती। ये ढाई हजार के लगभग मिली थी। अभी भी पर्याप्त है। ऐसे में नए सैंपल ज्यादातर इंदौर भेज रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट आने में समय लग रहा है। इसमें खतरा भी ज्यादा है, क्योंकि वायरस कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता रहता है।
राणापुर में 6 साल का बच्चा पॉजिटिव
यहां चंद्रशेखर आजाद मार्ग में 6 साल के बच्चे में संक्रमण मिला। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को लिए 33 सैंपल की जांच रिपोर्ट में से 31 निगेटिव आई, 1 रिजेक्ट हुई और एक पॉजिटिव मिली। इसके बाद आजाद मार्ग कुंदनपुर रोड पर सुबह बीएमओ जीएस चौहान ने पहुंचकर बालक को आइसोलेट कराया। तहसीलदार रवींद्रसिंह चौहान के निर्देशन में नया कंटेनमेंट एरिया बनाया गया। राणापुर में अब तक कोरोना के 24 मरीज मिल चुके हैं और इनमें से 10 स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। इधर, कलेक्टर प्रबल सिपाहा के आदेश पर दो इलाके कंटेनमेंट और बफर जोन से मुक्त कर दिए गए। इनके 21 दिन पूरे हो चुके थे। सुभाष मार्ग के कंटेनमेंट और कामलिया गली के बफर जोन को खोला गया। 7 जुलाई को एक युवक की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद से ये बंद थे। इस क्षेत्र में 30 घरों के 140 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था।
वार्ड 6 में दो दिन पहले मिले मरीज की पत्नी भी संक्रमित
पेटलावद में दो दिन पूर्व वार्ड क्रमांक 6 में मिले कोरोना मरीज की 50 साल की पत्नी में भी संक्रमण मिला। इसके बाद यहां फिर से डर का माहौल हो गया। बीएमओ डाॅ. एमएल चौपड़ा व प्रशासन की टीम एवं 108 के पायलट करमसिंह व इएमटी अनिल सोलंकी पहुंचे और महिला को झाबुआ भेजा गया। रविवार को इस एरिया को एसडीएम एलएन गर्ग की मौजूदगी में कंटेनमेंट एरिया बनाया गया था। लेकिन मंगलवार को यहां पूरी तरह से लापरवाही का आलम देखने को मिला। यहां पूरे बाजार में लोग घूमते दिखे। मंगलवार को सुबह रहवासियों ने टेंट हटाकर बाहर निकलना शुरू कर दिया। सूचना के बाद प्रशासन ने फिर से टेंट की कनातें लगवाई। इस मोहल्ले के पास की सांई मंदिर गली में तो हाट जैसा माहौल दिख रहा था। एसडीएम गर्ग ने नियमों का उल्लंघन करने पर एक व्यक्ति पर 3 हजार का जुर्माना लगाया। सीएमओ संदेश शर्मा ने बताया, पूरे एरिया काे सील किया जा रहा है।
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