नाव से टापू तक पहुंचेंगे पर्यटक, व्यू पाइंट पर खड़े होकर देख सकेंगे प्राकृतिक नजारे
अगर सबकुछ ठीक रहा ताे तीन माह बाद जिले को एक और पर्यटन स्थल मिलेगा। सरदारपुर तहसील के लाबरिया में माही परियोजना पर प्रशासन हनुमंतिया की तर्ज पर पर्यटन स्थल विकसित कर रहा है। धार से 40 किमी दूर मनरेगा योजना अंतर्गत लगभग एक करोड़ रु. खर्च कर प्राेजेक्ट काे मूर्त रूप दिया जा रहा है। पूरा काम मजदूराें द्वारा किया जा रहा है। पांच चरणों में से तीन चरण का काम हाे चुका है। 300 मजदूरों ने टापू को सुरक्षित करने के लिए पत्थरों की बोल्डर वाॅल, पर्यटकाें के लिए पाथवे रोड बनाया है। चार स्थानों पर व्यू पाइंट बनाएंगे जहां से प्राकृतिक नजारे देख सकेंगे। 2500 पौधे भी लगाए जा रहे हैं। नाव से टापू तक पहुंचने, पर्यटकों के नहाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
चार व्यू पाइंट, टापू तक जाने के लिए नाव, सुविधाघर की व्यवस्था करेंगे
जिपं सीईओ संतोष वर्मा ने बताया लाबरिया माही परियोजना डेम पर गत वर्ष निरीक्षण करने गए थे। बैक वाटर में बड़ी संख्या में अलग-अलग टापू को देखकर विचार किया कि हनुमंतिया की तर्ज पर यहां भी पर्यटक स्थल बनाया जा सकता है। जनपद पंचायत सरदारपुर और ग्राम पंचायत की मदद से काम शुरू किया। शुरुअात में टापू के आसपास पत्थरों की 1900 मीटर लंबी बोल्डर वाॅल बनाई। दूसरे चरण में 800 मीटर लम्बा पाथवे
बनाया। 2500 फल व फूलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। आगामी दिनों में चार व्यू पाइंट, टापू तक जाने के लिए नाव, माॅडल सुविधाघर व अन्य व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी। स्थानीय लाेगाें काे रोजगार भी मिलेगा।
बोटिंग के साथ पर्यटकों के लिए ब्रिज भी बना रहे
सरदारपुर जनपद पंचायत के एई व प्राेजेक्ट प्रभारी राजेश परमार ने बताया डेम के बैक वाटर में पहले टापू पर जलकुंभी भर जाती थी। अब नजारा अलग ही रहेगा। बोटिंग के साथ पर्यटकों के लिए ब्रिज भी बनाया जा रहा है। एक व्यू पाइंट बीच में ऐसा बनेगा जिस पर खड़े होकर पर्यटक चारों ओर के पानी व प्राकृतिक नजारे काे देख सकेंगे। ब्रिज पर झोपड़ीनुमा स्वल्पाहार की दुकान भी रहेंगी। इस प्राेजेक्ट में परियोजना के बैक वाटर के पानी को सहेजने का कार्य भी किया है। माही परियोजना जल संसाधन विभाग का है। यह स्थल बैक वाटर के 10 फीट ऊपरी छोर पर बनाया जा रहा है। ताकि बैक वाटर का पानी भी डिस्टर्ब न हो।
माॅडल के रूप में करेंगे प्रस्तुत : यहां जाे कार्य हुआ है वह अप्रवासी मजदूराें ने किया है। कच्ची सामग्री में पत्थर, मुरम, गिट्टी सहित अन्य सामग्री इसी स्थान से जुटाई गई है। अधिकारियाें ने बताया जिले में यह पहला ऐसा पर्यटन स्थल है, जिसे शत प्रतिशत मजदूराें ने निर्माण किया। यह जिले में मनरेगा याेजना की पहचान भी बनेगा। जिसे आगामी दिनाें में माॅडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। डेम समेत अमका-झमका पर्यटन स्थल, गंगा महादेव, ताराघाटी टांडा, माछलिया घाट पर डाक्यूमेंट्री फिल्म भी तैयार की है। जिसे सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
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