पोस्टर छपवाकर ढूंढा हत्यारा, फिर करवाई पॉस्को एक्ट में पहली फांसी, 10 अफसरों को मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन

ज्यादती के बाद सात साल की मासूम की गला घोंटकर मार डालने वाले हत्यारे को विदिशा जिले के न्यायिक इतिहास में पहली बार पॉस्को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। 2015 में हुई बेहतरीन विवेचना का ही परिणाम था कि सितंबर 2019 में अदालत ने ये फैसला लिया। ये विवेचना भोपाल के बागसेवनिया थाने के टीआई संजीव चौकसे ने की थी। चौकसे उन दिनों सिविल लाइन विदिशा थाना प्रभारी थे। गृह मंत्रालय ने इसे बेहतरीन इन्वेस्टिगेशन माना और चौकसे को मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन 2020 देने का फैसला लिया।
आरोपी रवि टोली इतना दुर्दांत था कि छेड़छाड़ के मामले में जेल से छूटने के छह दिन बाद ही इस वारदात को अंजाम दे दिया। भोपाल सीबीआई में पदस्थ इंस्पेक्टर शिव कुमार झा को भी इस मेडल के लिए चुना गया है। एडीजी सीआईडी कैलाश मकवाना ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में मप्र से 20 अच्छे इन्वेस्टिगेटर्स के नाम मांगे थे। ये नाम प्रदेश की सभी जांच एजेंसियों और रेंज आईजी से मंगवाए गए थे।
सीरियल किलर खामरा केस की विवेचना में भी चौकसे का अहम रोल
ट्रक ड्राइवर और क्लीनर्स के सीरियल किलर आदेश खामरा और उसकी गैंग को पकड़ने में भी संजीव चौकसे की अहम भूमिका रही है। ये मामला सितंबर 2018 में सामने आया था। आदेश और गैंग ने 34 हत्याएं कबूल की हैं। आदेश के खिलाफ कुल 25 केस दर्ज किए गए थे, इनमें से तीन हत्या के मामलों की जांच संजीव के पास है।
सीबीआई को सबसे ज्यादा 15 मेडल:- ये मेडल देने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चार अलग-अलग बिंदुओं को ध्यान में रखा है। इनमें वैज्ञानिक अनुसंधान, उत्कृष्ट व त्वरित विवेचना, शीघ्र चालान व ट्रायल और अधिकतम सजा शामिल हैं। हर प्रदेश से इस मेडल के लिए अच्छे इन्वेस्टिगेटर्स के नाम भेजे गए थे, लेकिन मप्र और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा 10 इन्वेस्टिगेटर्स को ये मेडल मिलेगा। सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी से भी 15 अफसरों को चुना गया है।
किसी एक इन्वेस्टिगेशन पर नहीं मिला मेडल
मकवाना ने बताया कि हर इन्वेस्टिगेटर द्वारा किए गए 5-15 बेहतरीन इन्वेस्टिगेशन की केस स्टडी भेजी गई थी। ऐसा नहीं है कि किसी एक इन्वेस्टिगेशन को लेकर ये मेडल दिए गए हों।
प्रोत्साहन मिला तो बेहतर होगा इन्वेस्टिगेशन
ये दूसरा मौका है, जब यह मेडल दिया जा रहा है। इसका मकसद जांच अफसरों का प्रोत्साहन देना है। बेहतरीन इन्वेस्टिगेशन से आरोपियों को तो सजा मिलती ही है, फरियादी को भी न्याय का अहसास होता है।
मप्र के इन अफसरों को मिलेगा मेडल
एएसपी हंसराज सिंह, इंस्पेक्टर संजीव चौकसे, सुनील शर्मा, प्रवीण कुमार कुमरे, गोपाल घासले, अरविंद सिंह तोमर, एसडीपीओ पुन्नु सिंह परस्ते, एसआई केवल सिंह परते, दीप्ति मिश्रा, प्रीति पाटिल।
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