पहले प्रबंधक ने 65 लाख का लोन किया स्वीकृत, अब निकाल रहे कमियां

पंजाब नेशलन बैंक (पीएनबी) के अफसर ने जिन दस्तावेजों के आधार पर एक साल पहले 65 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर दिया। अब उन्हीं कागजों में उज्जैन के अफसर ने कमियां निकाल दी। इतना ही नहीं जो दस्तावेज आवेदक दे चुका है। उन्हें भी फिर से मांगा जा रहा है। इधर, पीएनबी के शाजापुर शाखा प्रबंधक ने भी अब 10 लाख रुपए से ज्यादा का लोन स्वीकृत करने का अधिकार नहीं होने की बात कह दी।
ऐसे में पिछले दो साल से बैंक के चक्कर लगा रहे आवेदक नरेंद्र मालवीय के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई है। उनकी जमीन व मकान दोनों की बैंक अधिकारी ने पिछले साल मोडगेज (बंधक) बना ली थी। इसके बाद भी अब तक लोन नहीं मिल पाने के कारण वह न तो उद्योग लगा सका और न ही अपना पुराना काम कर पा रहा है। ऐसे में परेशान होकर उसने करीब एक माह पहले कलेक्टर दिनेश जैन को लिखित रूप से आवेदन देकर अपनी पीड़ा सुनाई। कलेक्टर के निर्देश के बाद अंत्यावसायी के तात्कालीन अधिकारी ने पीएनबी अधिकारी से चर्चा की और लोन नहीं देने का कारण पूछा। उद्योग ईकाई का स्थान परिवर्तन करने सहित अन्य कारण बताते हुए शाजापुर शाखा के प्रबंधक ने लोन देने से इनकार कर दिया। इधर, मामला बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा और इंदौर से आई टीम ने जांच की। पीड़ित की समस्या को देखते हुए अधिकारी ने उक्त प्रकरण का निराकरण करने की पहल शुरू की। उक्त मामले में अब प्रकरण संबंधी दस्तावेजों की आपूर्ति सहित स्वीकृत करने तक की प्रक्रिया उज्जैन के अधिकारी ही तय करंेगे।
प्रबंधक पर थे रिश्वत के आरोप
उक्त मामले में आवेदक शाजापुर के मालवीय ने लिखित रूप से बैंक शाखा शाजापुर के प्रबंधक सुरेशचंद्र मीणा पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 1 करोड़ रुपए का प्रकरण स्वीकृत कराने के नाम पर बैंक अधिकारी ने एक साल पहले 5 लाख रुपए लिए। बाद में उक्त प्रकरण को उन्होंने कम कराते हुए 65 लाख का करा दिया। बाद में उक्त उद्योग के लिए स्थान परिवर्तन करने पर अधिकारी ने 2 लाख रुपए और मांगे। इतने पैसे नहीं होने की बात कही तो अधिकारी ने लोन देने से इनकार कर दिया।
भास्कर ने मुद्दा उठाया तो पक्ष जानने इंदौर से आए अधिकारी
लोन के नाम पर आवेदक से रिश्वत लेने के मामले को भास्कर ने उठाया। इसकी सूचना बैंक मुख्यालय इंदौर पहुंची और इंदौर से आए अधिकारी ने शाजापुर बैंक में पीड़ित व प्रबंधक दोनों पक्षों से चर्चा की। इस दौरान बैंक प्रबंधक द्वारा रुपए लेन देन की बात संबंधी ऑडियो भी इंदौर से आए अधिकारी ने सुना।
डेढ़ साल से सब्सिडी के 12 लाख रुपए लेकर बैठे बैंक अधिकारी
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बनाए 1 करोड़ के प्लान पर आवेदक नरेंद्र को आदिम जाति कल्याण विभाग की तरफ से सब्सिडी के 12 लाख स्वीकृत हुए। जो सीधे अंत्यावसायी संस्था के माध्यम से पीएनबी में पहुंचा दिए। राशि के लेने के बाद भी अधिकारी ने अब तक आवेदक को लोन नहीं दिया। पिछले डेढ़ साल से संबंधित आवेदक के नाम से आई सब्सिडी भी बैंक में ही पड़ी है।



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