सतना कलेक्टर व सीएमएचओ से ट्रैवल परमिशन लेकर फरार हुए सीमेंट उद्यमी अहलुवालिया

जीएसटी इंटेलीजेंस ने छापाें की जद में आए उद्यमी पवन अहलुवालिया को जारी कार्रवाई के बीच में सतना कलेक्टर और सतना सीएमएचओ द्वारा कोरोना इलाज के लिए दिल्ली की ट्रेवल परमिशन पर खासी नाराजगी जताई है। वह इस मामले की शिकायत केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) और केंद्रीय वित्त मंत्रालय से कर सकता है। दरअसल, जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने 5-12 अगस्त के बीच अहलुवालिया के सतना और मैहर सीमेंट सहित 28 ठिकानों पर छापे मारकर 17 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी थी।
टैक्स चोरी का 5 करोड़ रुपए से अधिक होने के कारण पवन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। गिरफ्तारी का अंदेशा होने पर पवन ने कोरोना जैसे लक्षणों की शिकायत की और इलाज के लिए एम्स दिल्ली जाने की अनुमति कलेक्टर अजय कटेसरिया और सीएमएचओ डॉ. एके अवधिया से मांग ली। अनुमति मिलते ही अहलुवालिया दिल्ली चले गए। वहां जांच में उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। इस बीच उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी डाल दी। विभागीय सूत्रों ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए कोई कलेक्टर कैसे ट्रेवल परमिशन जारी कर सकता है।
जीएसटी इंटेलीजेंस के सूत्रों का कहना है कि पवन ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इन ट्रैवल परमिशन का सहारा लिया। विभाग का गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी और शराब कारोबारी जगदीश अरोड़ा के खिलाफ कोरोना के बाद यह तीसरा सबसे अहम केस था। पहले दो प्रकरणों में आरोपियों को अब तक जमानत नहीं मिली है। पवन को अंदेशा था कि उसे भी लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है, इसीलिए वह इन ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के आधार पर फरार हो गया।
कोयला घोटाले में भी पवन अहलुवालिया का आ चुका है नाम
पवन अहलुवालिया केजेएस सीमेंट कंपनी के संचालक हैं। पवन का नाम कोयला घोटाले में आया था। मामले में उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने 2017 में 3 साल की सजा और 50 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी। बेनामी लेनदेन (निषेध), संशोधित अधिनियम-2016 के तहत देश में पहला प्रकरण पवन के खिलाफ ही दायर हुआ था। उन पर अपने ड्राइवर के नाम पर सैकड़ों एकड़ आदिवासी जमीन खरीदने का आरोप था। मामले में बेनामी के अपीलीय प्राधिकरण ने उनके खिलाफ फैसला दिया है।
कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं थी, इसलिए जारी की परमिशन
- यह बिलकुल साफ है कि जब पवन अहलुवालिया को ट्रेवल परमिशन जारी हुई, उस समय उनके खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी थी। वह इन दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली चले गए। हमने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। -पंकज के सिंह, एडीजी, जीएसटी इंटेलीजेंस
- पवन अहलुवालिया ने कहा था कि वे पूरे कोरोना प्रोटोकाल को फॉलो करते हुए दिल्ली इलाज के लिए जाना चाहते हैं, इसलिए हमने परमिशन जारी कर दी। उनके खिलाफ जीएसटी इंटेलीजेंस के छापे की कार्रवाई चल रही है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है, न ही गैर जमानती वारंट जारी होने के बारे में पता है। -अजय कटेसरिया, कलेक्टर, सतना
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