अंभोरा नदी की पुलिया पर मंडराने लगा खतरा, लगातार पानी बहने से हो गए गड्‌ढे, धंस रही मिट्‌टी

नगर से आठनेर मार्ग पर मासोद के पास अंभोरा नदी की पुलिया पर खतरा मंडराने लगा है। तेज बारिश के चलते नदी में बाढ़ आने से अंभोरा नदी की पुलिया के ऊपर से 29 घंटे तक लगातार पानी बहता रहा। पानी के तेज बहाव से पुलिया के ऊपर लगे पत्थर बहने से गड्‌ढे हो गए।

पुलिया के दोनों ओर की मिट्‌टी भी धंसने लगी है। जिससे पुलिया कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। बारिश में पुलिया क्षतिग्रस्त होने से मुलताई का आठनेर से संपर्क पूरी तरह से टूट जाएगा। बारिश में नदी में पानी रहता है। ऐसे में पुलिया पर मंडरा रहे खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मासोद के पास अंभोरा नदी पर अंग्रेजों के जमाने की पुलिया बनी हुई है। नदी से पुलिया की ऊंचाई मात्र पांच फीट की है। पुलिया पत्थरों से बनी हुई है। देखरेख के अभाव में पुलिया क्षतिग्रस्त हो रही है। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से पुलिया के ऊपर से तीन फीट तक पानी बहता रहा। पुलिया के ऊपर लगे पत्थर बहने से गड्‌ढे भी हो चुके हैं। पुलिया के दोनों किनारों से मिट्‌टी भी पानी के तेज बहाव में बह गई है।

ग्रामीणों ने बताया गुरुवार देर रात से शुरू हुई बारिश से नदी में बाढ़ आ गई थी। जिसके बाद शुक्रवार सुबह 10 बजे से अंभोरा नदी की पुलिया के ऊपर से पानी का बहाव शुरू हो गया था। पुलिया के ऊपर से शनिवार दोपहर 3 बजे तक तेज गति में पानी बहता रहा। बारिश रुकने पर पुलिया के ऊपर से पानी का बहना कम हो गया। इसके बाद शनिवार शाम दोबारा बारिश होने पर पानी बहने लगा था। लगातार पानी बहने से पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है।

पहले लॉकडाउन फिर बारिश से रुका पुल का निर्माण
अंभोरा नदी पर पुल का निर्माण गर्मी में शुरू हुआ था। गड्‌ढों की खुदाई करने के बाद लॉकडाउन में काम बंद हो गया। मजदूरों के आने के बाद काम शुरू किया। अब बारिश के चलते काम बंद है। मौसम खुलने के बाद ही अब पुल का निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा। ब्रिज का निर्माण कर रहे सेतु विभाग के उपयंत्री एन सलामे ने बताया ठेकेदार को पुल निर्माण का कार्य दो साल में पूरा करना है। कार्य समयावधि में हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

पुल निर्माण की गति धीमी होने से ग्रामीणों में नाराजगी
अंभोरा नदी पर बनने वाले पुल निर्माण की गति धीमी होने से ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीण गुड्‌डू माकोड़े, श्याम रहड़वे, शंकर ठाकरे, बाबूराव सावरकर, मुकेश माथनकर, राहुल ठाकुर, राजेंद्र चौहान, किशोर जायसवाल आदि ने बताया नदी पर बनने वाले पुल निर्माण का कार्य गर्मी में शुरू होने के बाद रुक गया। अब बारिश में काम बंद है। गर्मी में निर्माण कार्य की गति धीमी थी। ऐसे में पुल निर्माण के कार्य को प्राथमिकता से लेकर किया जाना चाहिए। जिससे अगले साल बारिश के पहले पुल बनकर तैयार हो सके।

60 मीटर लंबा 12 मीटर चौड़े पुल का होना है निर्माण बनेगा पुल
अंभोरा नदी पर 3 करोड़, 61 लाख रुपए की लागत से पुल का निर्माण किया जाना है। नदी के ऊपर 13 मीटर ऊंचा, 60 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा पुल बनेगा। बारिश के दौरान नदी में पानी का बहाव रहने से काम प्रभावित हो रहा है। ऐसे में बारिश के बाद नदी में पानी का बहाव नहीं होने पर काम तेजी से शुरू होगा। पुल बनने के दौरान आवाजाही वर्तमान में नदी पर बनी पुरानी पुलिया पर से ही होगी। पुल बनने के बाद बारिश में बार-बार यातायात बाधित होने की समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी।

बिना रेलिंग की पुलिया से हादसे की आशंका
अंभोरा नदी की पुलिया पर रेलिंग और सुरक्षा दीवार भी नहीं है। कुछ देर की बारिश में पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगता है। पुलिया के ऊपर से पानी बहने के दौरान आवाजाही बंद रहे, इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। अन्य दिनों में पुलिया पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से हमेशा हादसे का डर बना रहता है। अब पुलिया के ऊपर गड्‌ढे होने से खतरा और अधिक बढ़ गया है।



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Danger of Ambhora river hovering, the water pits due to continuous flow of water, sinking soil


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