बेकाबू हो रही इल्लियां, फसल की बढ़वार रुकी, खेतों में देखने पहुंचे सरकारी अफसर

सोयाबीन में दो बार दवाई का छिड़काव करने के बाद भी इल्ली पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ बारिश की खेंच से भी फसलें प्रभावित हो रही हैं। इससे किसानों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे बांझपन की समस्या अधिक बढ़ती दिख रही है। किसान प्रतिदिन तहसील कार्यालय पहुंचकर खराब फसल का सर्वे करवाने व उचित मुआवजा राशि देने की मांग कर रहे हैं। जिसे देखते हुए मंगलवार को प्रशासन व कृषि विभाग का अमला एक दर्जन से अधिक गांवों के क्षेत्रों में फसलाें को देखने पहुंचा। सबसे अधिक जावर तहसील के गांव प्रभावित हैं।
इस बार बारिश की कमी होने के साथ ही इल्ली का प्रकोप ने किसानों की नींद उड़ा दी है। इसे काबू करने के लिए किसानों ने कृषि विभाग की सलाह पर दवाई का छिड़काव भी किया गया है, लेकिन इल्ली का प्रकोप कम नहीं हाे रहा है। जिससे सोयाबीन में अफलन की स्थिति बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह से किसान बांझ फसल के पौधे लेकर प्रशासन को अवगत करा रहे हैं। तहसील क्षेत्र में सोयाबीन फसल बांझ रहने व अन्य रोग लगने की सूचना के बाद मंगलवार को तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव व कृषि विभाग के एसएडीओ बीएस मेवाड़ा ने अनेक गांवों में जाकर फसल को देखा व किसानों से चर्चा की। इस साल ब्लॉक क्षेत्र में एक लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल की बोवनी की गई है। इसमें सोयाबीन 92 हजार हेक्टेयर में बोया गया है। इसमें से 35 से 40 हेक्टेयर में तंबाकू इल्ली का प्रकोप बना हुआ है। वहीं बोवनी के बाद लम्बी बारिश की खेंच के कारण फसल में आए फुल झड़ गए हैं तथा इल्ली उन्हें चट कर गई है। वहीं कृषि विभाग का मानना है कि ज्यादा घनी बोवनी करने और ढाई फीट से अधिक हाईट होने पर सोयाबीन में अफलन के हालत बन रहे हैं। किसान खुमान सिंह का कहना है कि पिछले पांच सालों से किसान प्रकृति की मार झेल रहा है। इस साल शुरुआत में फसल अच्छी लग रही थी, लेकिन अब फसल में बांझपन की शिकायत व इल्ली का प्रकोप बढ़ने से किसानों की चिंता बड़ी है।
ज्ञापन का सिलसिला लगातार जारी : किसान प्रतिदिन खराब फसल को लेकर तहसील कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दे रहे हैं। मंगलवार को भी दरखेडा, पिपलिया, कालापीपल आदि गांवों के किसानों ने बांझ फसल की शिकायत कर सर्वे करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है।
एक दर्जन गांवों में किया फसलों का निरीक्षण : किसानों के ज्ञापन देने के बाद मंगलवार को तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव व टीम ने फसलों की स्थिति देखने के लिए मेहतवाडा, ग्वाला, ग्वाली, पिपलिया, भंवरी, मुंडला, कुरावर, हाजीपुर सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में निरीक्षण किया।
किसानों ने बताई समस्या : तहसीलदार श्री श्रीवास्तव ने अनेक गांवों में किसानों के खेतों में जाकर फसल को देखा व किसानों से चर्चा की। तहसील क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ हेक्टेयर में बांझ फसल की शिकायत है। किसानों ने कहा कि सोयाबीन फसल में तम्बाकू इल्ली ने फूल, फली, पत्ते नष्ट कर दिए हैं जिससे वह बांझ हो गया है।

ज्यादा बीज डालने से आफलन की स्थिति बनी
^ज्यादा घनी बोवनी करने व ढाई फीट से अधिक हाईट होने पर सोयाबीन में अफलन की स्थिति होती है। किसान बोवनी करते समय 30 से 35 किलो तक बीज बोता है। जबकि प्रति बीघा 18 से 20 किलो के मान से ही बोवनी करना चाहिए। किसानों को अफलन की स्थिति में फसल में नाइट्रो बेंजीन बुम फ्लावर आदि का छिड़काव करना चाहिए।
-बीएस मेवाडा, एसएडीओ, कृषि विभाग



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Uncontrolled caterpillars, crop growth stopped, government officials arrived in the fields to see


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