आर्थिक संकट के बीच रेलवे ट्रेन, मालगाड़ी पर प्रचार-प्रसार कर अपनी आय बढ़ाने की तैयारी में
कोरोना काल में ट्रेनों के संचालन न होने की वजह से रेलवे की आय काफी कम हो गई है। इसकी वजह से रेलवे आय के स्त्रोत बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। अब रेलवे अपनी आय बढ़ने के लिए ट्रेनों के इंजनों पर विज्ञापन लगवाएगा। इसके लिए ब्रांडिंग ऑन व्हील्स स्कीम शुरू की है।
ट्रेन और मालगाड़ी को खींचने वाले इंजन अब रेलवे का राजस्व बढ़ाएंगे। रेलवे इन इंजनों को रंगबिरंगे विज्ञापन से रंगने की तैयारी कर रहा है। ताकि आय बढ़ सके। अधिकारियों का कहना है कि यात्री ट्रेन से रेलवे को मुनाफा नहीं होता है, क्योंकि प्रत्येक टिकट पर सब्सिडी दी जाती है। यात्री से टिकट की वास्तविक लागत का लगभग 53% ही वसूला जाता है। जबकि 47% राशि का वहन रेलवे करता है। जबकि अभी कोरोना काल में कम ट्रेनों के संचालन से आर्थिक स्थिति और खराब है। इसके कारण रेलवे पर वित्तीय बोझ बढ़ रहा है। उसे कम करने के लिए गैर किराया राजस्व बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। चर्चा है कि रेलवे स्टेशनों व रेल परिसरों के आसपास खाली पड़ी जमीन के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सागर स्टेशन के पास होर्डिंग्स लगना शुरू हो गए हैं।
कर्मचारियों में नाराजगी
एआईआरएफ और डब्ल्यूसीआरयू के आव्हान पर सागर ब्रांच ने निजीकरण के विरोध में प्लेटफार्म 1 पर विरोध प्रदर्शन किया। कामरेड नवीन तिवारी ने कहा कि निजीकरण का असर रेल कर्मचारियों से ज्यादा भारत की जनता पर पड़ेगा। कामरेड मनोज पांडे ने एनपीएस के दुष्परिणाम बताते हुए कहा कि आज वर्तमान में जो कर्मचारी एनपीएस के तहत रिटायर हो रहे हैं। उन्हें पेंशन के रूप में मात्र हजार से 15 सौ रुपए ही मिल रहे हैं। इस दौरान अनिल यादव, महेंद्र कुर्मी, राजेश पटेल, आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रमोद कौरव, रामस्वरूप यादव, गिरेंद्र सिंह लोधी, अमित सेन आदि मौजूद थे।
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