नाहरकोला के ग्रामीण घुटने-घुटने कीचड़ मार्ग से निकलने को मजबूर

ग्राम नाहरकाेला के अंतर्गत आने वाले देवीपुरा, टेकरीपुरा, सातपुरा और पोलाय में आज तक कोई मार्ग नहीं बन पाया है। जनपद पंचायत की मांग पर लोक निर्माण विभाग द्वारा प्राकलन तैयार कर लिया गया है, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। परिणाम स्वरूप इन चारों टोला में निवास करने वाले ग्रामीण घुटने घुटने तक कीचड़ में निकलने के लिए मजबूर हैं।
आदिवासी अंचलों में सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण बारिश के दिनों में बड़ी मुश्किल से कीचड़ भरे रास्ते से शहर आना पड़ रहा है। सिवनीमालवा विकासखंड के ग्राम पंचायत नाहरकोला के टोला देवीपुरा, टेकरीपुरा, सातपुरा और पाेलाय सहित ग्राम नाहरकोला की कुल आबादी 2349 है। इन आदिवासी टोलों के लिए आजादी के बाद से लेकर आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। सड़क विहीन ये टोले कच्चे मार्ग पर स्थित हैं। इन टोलों के हालात इतने खराब हैं कि बारिश के दिनों में ग्रामीणों को घुटने-घुटने कीचड़ में से आना जाना पड़ता है। घुटने-घुटने भरे इन मार्गों से निकलने में सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग और बच्चों को होती है।

खटिया पर डालकर ले जाते हैं मरीज
ग्रामीणों ने बताया कि किसी के बीमार पड़ जाने पर उसे खटिया पर डालकर या फिर पीठ पर बैठाकर नाहरकाेला गांव लाते हैं। वहां से फिर सिवनीमालवा के अस्पताल लाना पड़ता है। इससे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

एक साल पहले प्राकलन बनाकर भेजा है
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ आरएस विश्वकर्मा ने बताया कि 15 नवंबर 2019 को उप संभाग सिवनीमालवा द्वारा इस रोड की मांग की जा चुकी है। जिसमें देवीपुरा से पाेलाय मार्ग लंबाई 1.64 किलोमीटर लागत 99.78 लाख रुपए वहीं दूसरा पाेलाय से टेकरी पूरा मार्ग लंबाई 1.65 किलोमीटर लागत 99.88 लाख रुपए का प्राकलन बनाकर भेज चुके हैं। जो लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है। स्वीकृति मिलते ही इस मार्ग के निविदा निकाल कर कार्य कराया जाएगा।



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