फर्जी वेबसाइट से लोन दिलाने के बहाने मंगेतर के साथ मिलकर 10 हजार लोगों से ठगे 10 करोड़ रुपए

राजधानी की सायबर क्राइम ब्रांच ने हाईटेक जालसाज गिरोह के मुखिया समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो युवतियां शामिल हैं। यह गिरोह फर्जी वेबसाइट के माध्यम से लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी करता था। गिरोह का मुखिया अपनी मंगेतर के साथ मिलकर अब तक 10 हजार लोगों से 10 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है। क्राइम ब्रांच को अब तक ऐसी 12 वेबसाइट का पता चल चुका है और ठगी का शिकार हुए एक हजार लोगों से संपर्क कर चुकी है।

सायबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक जनवरी में पद्मेश सिंह ने शिकायत की थी कि दिसंबर 2019 में www.swiftfinance.in द्वारा पर्सनल लोन देने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी डेविड कुमार जाटव, नेहा भट्ट और मनीषा भट्ट को नोएडा से गिरफ्तार किया है। एक साथी कमल कश्यप फरार है। आरोपियों के कब्जे से 6 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 21 पेन ड्राइव, 8 एक्टिवेटेड सिम, 19 डेबिट कार्ड और वेबसाइट संबंधी दस्तावेज जब्त किए हैं।

तरीका...एक वेबसाइट से 1200 लोगों से करते ठगी
आरोपी डेविड फर्जी वेबसाइट डेवलप कर इनका गूगल के माध्यम से विज्ञापन देता था। जब ग्राहक लोन के लिए अपनी पर्सनल डीटेल अपलोड करते थे, तब कंपनी के कॉल सेंटर से उन्हें कॉल करके युवतियां उनसे अलग-अलग चार्जेस के नाम पर 30-40 हजार रुपए फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेती थीं। आरोपी औसतन 1000-1200 लोगों को ठग कर वेबसाइट को दो से ढाई महीने में बंद कर देते।

गिरोह ने दो कॉल सेंटर नोएडा उप्र में डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह के किराए पर ले रखे थे। 10-15 हजार रुपए मासिक वेतन पर यहां युवतियों को रखा जाता था जो हर ग्राहक का रिकॉर्ड साफ्ट कॉपी में एक्सल में नोट करती थीं। इनका परीक्षण करने पर खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने 10 हजार लोगों से 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।

जालसाजी में किस आरोपी की क्या भूमिका...
डेविड कुमार जाटव- गाजियाबाद निवासी बीकाॅम तक पढ़ा डेविड (21) गिरोह का मुखिया है। डेविड आरडी-1 वेब सॉल्यूशन नाम से आईटी कंपनी चलाता है। उसने वेबसाइट डिजाइनिंग का कोर्स किया है। डेविड ही लोन देने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाता था। कॉल सेंटर में 50 युवतियां काम करती थीं।

नेहा भट्ट- उत्तराखंड की नेहा (23), डेविड की मंगेतर है। वह अगस्त 2018 से डेविड के साथ काम कर रही है। नेहा ही डेविड की फर्जी कंपनियों के प्रबंधन का काम देखती है।
मनीषा भट्ट- उत्तराखंड की मनीषा (27) नेहा की बहन है। मनीषा ग्राहकों को फोन करने वाले कॉल सेंटर का मैनेजमेंट का काम देखती थी।

दो साल पहले...दोस्त ने दिया था ठगी का आइडिया
डेविड वेबसाइट डिजाइनिंग का काम करता है। दो साल पहले उनके यहां एक युवक काम कराने आया था। वेबसाइट का कारोबार मंदा चल रहा था। उक्त साथी ने डेविड को लोन देने की फर्जी वेबसाइट से ऑनलाइन ठगी करने की सलाह दी थी। इसके बाद डेविड ने फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी शुरू की। कुछ दिन बाद उसने काॅल सेंटर खोल लिया। ग्राहकों को एक से 20 लाख रुपए का पर्सनल लोन 8 से 9 प्रतिशत ब्याज पर देने का भरोसा दिलाया जाता था।

नोडल अधिकारी नियुक्त किया
एडीजी उपेंद्र जैन के अनुसार फर्जी वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए सायबर क्राइम भोपाल के सब इंस्पेक्टर सुनील रघुवंशी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस गिरोह द्वारा लोन के नाम पर यदि किसी के साथ धोखाधड़ी की गई है तो वह व्यक्ति इनसे संपर्क कर सकते हैं। पुलिस अब तक एक हजार लोगों से संपर्क कर चुकी है।



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हाईटेक जालसाज गिरोह के 3 आरोपी।


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