बेटी को अपने साथ नहीं रखना चाहती थी शिवपुरी की अविवाहित लड़की, डॉक्टरों ने पैदा होने के 10वें दिन ही उसे बेच दिया

मानव तस्करी गैंग की जांच में शनिवार को नया खुलासा हुआ। करुणानिधि मेटरनिटी एवं नर्सिंग होम से जुड़े एक और डॉक्टर भरत मौर्य का नाम सामने आया है। इस रैकेट की जांच में एटीएस और एसटीएफ भी जुट गई है। टीम ने महिला थाने पर आरोपियों से पूछताछ की।
क्राइम ब्रांच एएसपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक डॉ. रमाकांत पिता स्व. रामाधार शर्मा और डॉ. भरत मौर्य पिता स्व. बद्रीप्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है जबकि डॉ. पवन राय फरार है। भरत का राऊ बायपास के पास शिव पार्वती नर्सिंग होम है। जो बच्चे बेचे गए हैं, वो ऐसे हैं जिन्हें उनकी मां रखना नहीं चाहती थी। इसलिए इन बच्चों को उन्होंने अस्पताल में ही छोड़ना उचित समझा। इसी का फायदा इन डॉक्टरों ने उठाया। उन्होंने बच्चों को बेचने के लिए बबलू के जरिए निःसंतान दंपतियों की तलाश करवाई।
दोनों डॉक्टरों ने एक-एक बच्चे बेचे थे-महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया रमाकांत ने ढाई साल पहले खजराना चौराहे पर तेजकरण को एक बच्चा बेचा था। उस बच्चे को कुछ दिन बाद ही तेजकरण ने रीत ठाकरे को बेच दिया था। वहीं भरत ने दो महीने पहले अपने क्लिनिक में जन्मे बच्चे को तेजकरण को परदेशीपुरा चौराहे पर बेचा था। इस बच्चे को भी तेजकरण ने रीत को बेचा था।
दोनों डॉक्टरों ने एक-एक बच्चे बेचे थे
महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया रमाकांत ने ढाई साल पहले खजराना चौराहे पर तेजकरण को एक बच्चा बेचा था। उस बच्चे को कुछ दिन बाद ही तेजकरण ने रीत ठाकरे को बेच दिया था। वहीं भरत ने दो महीने पहले अपने क्लिनिक में जन्मे बच्चे को तेजकरण को परदेशीपुरा चौराहे पर बेचा था। इस बच्चे को भी तेजकरण ने रीत को बेचा था।
मानव तस्कर गैंग: ट्रॉली धकाने वाला तलाशता था ग्राहक
1. रमाकांत शर्माः बीएएमएस है। करुणानिधि अस्पताल में नर्स से छेड़छाड़ करने पर डॉ. हेमंत कंसल ने 7 साल पहले उसे निकाल दिया था।
2. भरत मौर्य : बीईएमएस है। करुणानिधि अस्पताल में था। बाद में उसने तिल्लौर रोड बहेरिया गांव में खुद का पार्वती नर्सिंग होम खोल लिया था।
3. पवन रायः डेंटिस्ट है पर डिलीवरी कराता था। लॉकडाउन में करुणानिधि अस्पताल में दस हजार महीने में काम करने लगा था। तेजकरण के पकड़ाने के बाद इंदौर से भाग गया।
4. अमित हाड़ाः
करुणानिधि अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट था। डॉ. कंसल की गाड़ी भी चलाता था। नाइट ड्यूटी के कारण वह डॉक्टर पवन राय के संपर्क में आ गया था।
5. बबलू उर्फ तेजकरणः गैंग का सबसे बड़ा किरदार। ऐसे कस्टमर तलाशता जिन्हें बच्चों की जरूरत थी। वह एमवायएच में ट्रॉली धकाने का काम कर चुका है।
6. रीत ठाकरे बेटों की तरह ही पाल रही थी दोनों बच्चों को एएसपी दंडोतिया के अनुसार क्राइम ब्रांच ने शनिवार को बच्चों की खरीदार रीत ठाकरे के घर पर छापा मारा। वहां दोनों बच्चों के हैप्पी बर्थडे वाले पोस्टर लगे थे। इसको देखकर लग रहा है कि वह बच्चों को अपने बेटों की तरह ही पाल रही थी। इसलिए फिलहाल उसे गैंग में शामिल मानना गलत होगा।
10 दिन की बच्ची शिवपुरी के पिछोर की अविवाहित युवती की
बुधवार को 10 दिन की जिस बच्ची को आरोपी बेचने गए थे, उसकी मां शिवपुरी के पिछोर में रहने वाली अविवाहिता है। उस बच्ची को बबलू और शिल्पा को फरार डॉ. पवन राय ने दिया था। उसका जन्म करुणानिधि अस्पताल में हुआ था। उसकी मां भारती पति पुष्पेंद्र बताई गई है। क्राइम ब्रांच उसके गांव पहुंची है। पवन ने अस्पताल में बताया था कि भारती का पति ड्राइवर है, इसलिए अभी आधार कार्ड नहीं है। भारती का आधार कार्ड दिखाकर डिलीवरी करवाई गई थी। पुलिस को शंका है कि आरोपियों ने भारती के पति की फर्जी जानकारी देकर करुणानिधि अस्पताल में ही डिलीवरी करवाई।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hocFsf
0 Comment to "बेटी को अपने साथ नहीं रखना चाहती थी शिवपुरी की अविवाहित लड़की, डॉक्टरों ने पैदा होने के 10वें दिन ही उसे बेच दिया"
Post a Comment