ज्वैलरी शोरूम का कर्मचारी ही निकला मास्टरमाइंड, फर्जी गिफ्ट वाउचर से ठगा 23 लाख का सोना, तीन गिरफ्तार

भोपाल, रांची और सुल्तानपुर के ज्वेलरी शोरूम के फर्जी गिफ्ट वाउचर तैयार कर उन्हें रिडीम करवाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को राज्य सायबर पुलिस ने पकड़ा है। मास्टरमाइंड वाराणसी के तनिष्क शोरूम का कर्मचारी है, जिसे प्रबंधन ने किसी के भी गिफ्ट वाउचर नंबर देखने के अधिकार दिए थे। गिरोह ने पांच महीने में पांच शोरूम पर कोशिश की और तीन में कामयाब होकर 23 लाख की ठगी कर ली। गैंग का अगला टारगेट महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार के शोरूम में थे, जिसके लिए 65 लाख के फर्जी गिफ्ट वाउचर और तैयार कर रखे थे। इस तरह की वारदात में देशभर में ये पहला खुलासा है।

एसपी गुरकरन सिंह ने बताया कि फर्जी गिफ्ट वाउचर से आरोपी रोशनपुरा स्थित शोरूम से 137 ग्राम सोना ले गए थे। पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज लगे थे। कुछ तकनीकी पहलुओं पर काम करने के बाद इंस्पेक्टर लोकपाल भदौरिया, सिपाही शिवकुमार समेत अन्य की टीम वाराणसी पहुंची, जहां पता चला कि इस तरह की वारदात सुल्तानपुर और फैजाबाद में भी हुई हैं। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने वाराणसी, रांची और बिहार के कैमूर से तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें संचित अग्रवाल, अजीत कुमार मौर्य और विकास मौर्या शामिल हैं। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने भोपाल के शोरूम से गया 137 ग्राम सोना और रांची के शोरूम से गए 86 सोने के सिक्के जब्त कर लिए हैं। जब्त किए गए सोने की कीमत 13 लाख रुपए है।

ऐसे समझें गिफ्ट वाउचर की प्रक्रिया
बड़े ज्वेलरी शोरूम से बड़ी खरीदारी करने पर प्रबंधन अपने ग्राहक को तय अवधि के लिए दो तरह के गिफ्ट वाउचर देता है। इनमें ई-वाउचर और फिजिकल वाउचर शामिल हैं। अगली खरीदारी के समय ग्राहक इन वाउचर को लेकर शोरूम पर पहुंचेगा। वाउचर में दर्ज राशि के आधार पर उसे खरीदारी में छूट या कैश राशि लेने के अधिकार मिलते हैं। इसे रिडीम कहा जाता है। संचित अग्रवाल वाराणसी तनिष्क शोरूम का कर्मचारी है।

मास्टरमाइंड बोला- खराब हो गए 12 लाख के वाउचर
पूछताछ में संचित ने पुलिस को बताया कि उनके करीब 12 लाख रुपए के गिफ्ट वाउचर खराब हो गए। दरअसल, जब वे इतनी कीमत के फर्जी वाउचर लेकर शोरूम पर पहुंचे तो पता चला कि असल धारक ने वाउचर नंबर के आधार पर उसे पहले ही रिडीम करवा लिया है। आरोपियों के पास अब भी 65 लाख रुपए के फर्जी वाउचर तैयार थे। इनका इस्तेमाल ये गिरोह गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार के शोरूम पर करने वाले थे। पुलिस को आरोपियों के उस साथी की तलाश है, जो हूबहू फर्जी वाउचर तैयार करता था।



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आरोपी संचित अग्रवाल, विकास मौर्या और अजीत कुमार मौर्य ।


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