लेकिन होम आइसोलेशन भगवान भरोसे; 40 कॉल आए.. पता पूछा, लेकिन जांच करने, दवा देने कोई न आया

शहर में कोरोना के 1769 एक्टिव मरीज हैं। इनमें से 560 मरीज होम आइसोलेशन में है। लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की अपनी ही व्यथा है। वे कहते हैं कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद करीब 40 फोन पता पूछने के लिए आए, लेकिन दो दिन बीतने के बाद भी कोई जांच करने या दवा देने नहीं आया। हां, जो टीम आती है वो जाते-जाते घर के बाहर कोविड पॉजिटिव का बोर्ड लगाना नहीं भूलती। ऐसे में जो मरीज घर पर अकेले हैं, उनकी परेशानी और बढ़ गई है।

अस्पतालों में कम बेड होने के कारण भी मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं न मिल पाने के कारण मरीज अब अस्पताल जाना ही बेहतर समझ रहे हैं। ऐसे में जब कोरोना के रोज 200 से अधिक मरीज मिल रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग को भी चाहिए कि वो अपने सिस्टम को दुरुस्त करे, ताकि अस्पताल में भीड़ न बढ़े।

जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और उनमें यदि कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह देती है। जो मरीज होम आइसोलेशन में हैं उनकी सेहत में हो रहे बदलावाें के साथ बीमारी का संक्रमण रोकने जरूरी दवाएं देने का जिम्मा सीएमएचओ द्वारा बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम और कोविड कंट्रोल रूम में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स को सौंपा गया है।

ये है हकीकत... हेल्थ सिस्टम के सारे दावे खोखले हैं
रिपोर्ट पॉजिटिव आए 2 दिन बीते, जांच करने नहीं आई टीम
कोलार के शालीमार गार्डन में 57 वर्षीय रामकुंवर शर्मा (परिवर्तित नाम) रहती हैं। वह सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। रविवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम आई। टीम ने सेहत के बारे में जानकारी ली और बोर्ड लगाया। दवाओं के बारे में पूछने पर जवाब मिला, इसके लिए दूसरी टीम आएगी। वह टीम अब तक (सोमवार शाम 7 बजे) नहीं आई है। न ही टीम ने सर्दी व खांसी की किसी प्रकार की दवाएं भेजी हैं। उन्होंने बताया कि बेटी बेंगलुरू में और बेटा उज्जैन में रहता है। अकेली रहने के कारण होम आइसोलेशन चुना है।

सिर्फ पुलिस वाला आया, नाम व फोन नंबर लेकर चला गया
अयोध्या नगर के 30 वर्षीय उत्सव वैष्णव ने बताया की रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद पुलिस का एक सिपाही आया और नाम व फोन नंबर पूछकर चला गया। उसने मौखिक रूप से रिपोर्ट पॉजिटिव होना बताया। तब से स्वास्थ्य विभाग की टीम का इंतजार कर रहा हूं। पॉजिटिव होने के कारण मुझे अस्पताल में भर्ती होना है या घर पर ही रहकर दवाएं लेकर ठीक हो जाऊंगा... का उत्तर भी कोविड हेल्पलाइन से नहीं मिला है। उत्सव बताते हैं कि अब तक 40 लाेगों के फोन आए। सभी ने केवल घर का एड्रेस पूछा। लेकिन, जांच करने व दवा देने कोई न आया।

रिपोर्ट पॉजिटिव बताई और कहा- होम आइसोलेशन में रहें
टीला जमालपुरा में रहने वाली 25 वर्षीय युवती की रिपोर्ट रविवार को कोविड पॉजिटिव आई थी। लेकिन, सोमवार रात 8 बजे तक युवती की मेडिकल जांच करने और जरूरी दवाएं देने स्वास्थ्य विभाग का एक भी डॉक्टर अथवा पैरामेडिकल स्टॉफ नहीं पहुंचा है। युवती ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोविड कंट्रोल रूम से एक फोन कॉल आया था। संबंधित ने रिपोर्ट की जानकारी देने के साथ ही होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए थे। इस कारण किसी भी कोविड हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए कहीं फोन नहीं किया।

कोविड होम आइसोलेशन गाइडलाइन

  • होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज का तापमान, पल्स रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन की रिकार्डिंग मैदानी अमले द्वारा अथवा कॉल सेंटर स्टॉफ के द्वारा की जाएगी।
  • हाेम आइसोलेशन के कोविड संक्रमित मरीज को जरूरी दवाएं डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ मेडिकल जांच के बाद देंगे। यह दवाएं मरीज अटेंडेंट की मौजूदगी में लेगा।
  • मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को डॉक्टर, हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक दी जाएगी।
  • पेशेंट की निगरानी रैपिड रिस्पोंस टीम और इंसीडेंट कमांडर करेगा। टीम में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल होंगे।
  • मरीज की देखभाल करने के लिए घर में एक अटेंडेंट होने पर ही संबंधित को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा।

होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड पॉजिटिव मरीज की जांच और इलाज की जिम्मेदारी रैपिड रिस्पांस टीम की है। यह टीम रोजाना कोविड मरीजों से व्यक्तिगत अथवा टेलीफोनिक चर्चा कर, संबंधित को इलाज संबंधी जरूरी मदद करती है। डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ , भोपाल



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फाइल फोटो


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