कोरोना मरीजों को खाना खिलाने और कपड़े बदलने के लिए भी वार्ड ब्वॉय वसूल रहे पैसे

महामारी के दाैर में मानव सेवा ताे दूर अस्पतालकर्मी वसूली में जुट गए हैं। प्राइवेट अस्पतालाें में ताे हर काम के पैसे लगते ही हैं। अब हमीदिया जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी मरीजाें के परिजनाें से बात-बात पर पैसे वसूले जा रहे हैं। पहले तो भर्ती होने के लिए यहां घंटों इंतजार करना पड़ता है। जैसे-तैसे भर्ती हाे भी गए ताे उपचार समेत खाने-पीने तक की कई मुसीबताें से जूझना हाेता है। आलम यह है कि गंभीर मरीजों को खाना और नाश्ता कराने तथा गीले कपड़े बदलने के एवज में वार्ड ब्वॉय 100 रुपए लेते हैं।

शिकायत करने पर वार्ड ब्वाॅय पैसे मांगना ताे बंद कर देते हैं, पर खुन्नस में संबंधित मरीजाें की देखभाल भी नहीं करते। हमीदिया में आईसीयू के 40, हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) के 30 और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (सारी) के 20 बेड हैं। ये सभी फुल हैं। सिर्फ टीबी अस्पताल के सामान्य वार्ड में ही 50 बेड खाली हैं। ऐसे में कोरोना के सामान्य मरीज को तो टीबी अस्पताल में भर्ती में कर लिया जाता है, लेकिन गंभीर मरीज को बेड खाली होने पर लिया जाता है। या फिर उन्हें जेपी, एम्स या चिरायु समेत दूसरे अस्पतालों में भेज दिया जाता है।

यहां भी दादागीरी... शिकायत के बाद मरीज की देखभाल करने से ही मना कर देते है वार्ड ब्वॉय
शिकायत के बाद वीडियो कॉल पर दिखाया मरीज

देहगांव रायसेन निवासी राजू तिवारी को 10 सितंबर को सीने में दर्द हुआ तो उनके भतीजे हर्ष गुरू हमीदिया लेकर पहुंचे। यहां करीब छह-सात घंटे इंतजार करने के बाद उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। तब से ना तो उनको कोई जानकारी दी जा रही थी, ना उनसे बात ही कराई जा रही थी। हर्ष ने सीएम हेल्पलाइन समेत तमाम अधिकारियों से शिकायत की। उसके बाद रविवार को वीडियो कॉल पर मरीज काे दिखाया।

कपड़े बदलने के लिए वार्ड ब्वॉय ने लिए 100 रुपए
होशंगाबाद निवासी 50 वर्षीय दीपाली मिर्धा तीन सितंबर से भर्ती हैं। बेटी पिंकी के मुताबिक मां इतनी कमजोर हो गईं हैं कि कपड़ों में पेशाब हो जाती है। कपड़े बदलने के लिए वार्ड ब्वॉय 100 रुपए लेता है। खाना खिलाने या नाश्ता कराने के लिए भी 100 रुपए देना पड़ते हैं। मैंने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की, तो अब उसने कह दिया कि पैसे लेकर भी मां का काम नहीं करेगा।

मां बोली-हम भूखे हैं, कोई खाना ही नहीं खिलाता
होशंगाबाद निवासी बसंती साहू 4 सितंबर से भर्ती हैं। बेटे दीपेश ने बताया कि दो-तीन दिन में जब भी बात होती है तो मां बताती है कि कोई खाना ही नहीं खिलाता है। हम भूखे हैं। वार्ड ब्वॉय से पूछो तो बताते हैं कि खाना खिला दिया है। कुछ भेजो तो उसे डस्टबिन में डाल देते हैं। डॉक्टर से पूछो तो कभी कहते हैं कि हालत ठीक है, अगले ही दिन कहते हैं कि बहुत गंभीर हैं। कोई सही जानकारी ही नहीं देता है।

स्टाफ के बेड भी फुल....हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर को लिए 6 और नर्सेस समेत अन्य स्टाफ के लिए 8 बेड रिजर्व किए गए हैं। डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ लगातार पॉजिटिव आ रहे हैं, ऐसे में रिजर्व किए गए 14 बेड भी फुल हैं।

सारी वार्ड में रखे जा रहे हैं गंभीर मरीज
अस्पताल में मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि सारी वार्ड में रखे गए गंभीर मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आईसीयू या एचडीयू में शिफ्ट करना होता है, लेकिन वहां बेड खाली नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को दो से तीन दिन तक सारी वार्ड में ही रखना पड़ता है। उक्त वार्डों में से मरीज की छुट्‌टी होने पर सारी वार्ड से गंभीर मरीज को खाली हुए बेड पर शिफ्ट किया जाता है।

पैसे लेने वालों के खिलाफ होेगी कार्रवाई
आईसीयू और एचडीयू में बेड फुल हैं, मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर भर्ती किया जा रहा है। जेपी, एम्स और चिरायु समेत दूसरे अस्पतालों में भी भेजना पड़ता है। भर्ती मरीजों की पूरी केयर की जा रही है, कोई वार्ड ब्वॉय पैसे ले रहा है, तो गलत है। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉ. आईडी चौरसिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल

तैयार हाे रहे दो नए वार्ड
हमीदिया प्रबंधन ने गंभीर मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यहां 25-25 बेड के दो नए वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। इनमें वेंटिलेटर समेत दूसरे उपकरण लगा दिए गए हैं। ऑक्सीजन की सप्लाई लाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि दो-तीन दिन में यहां भी मरीजों की भर्ती करना शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए बेड संख्या बढ़कर 140 हो जाएगी।



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भोपाल हमीदिया अस्पताल। नहीं देते सही जानकारी...कभी डॉक्टर कहते मरीज स्वस्थ है तो कभी बताते हैं सीरियस


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