केसरवानी काॅलेज की जमीन बेचने के मामले में तहसीलदार का नोटिस, खरीददार रजिस्ट्री कराने के लिए हो रहे परेशान, की जा रही साजिश

केसरवानी कॉलेज गढ़ा फाटक की संपत्ति को खरीदने वाले लोगों के सामने एक तरफ कुआँ दूसरी ओर खाई जैसी स्थिति बन गई है। दरअसल, सौदा तय होने के साथ ही काफी कुछ पेमेंट कर दिया गया लेकिन इन सब के बावजूद रजिस्ट्री नहीं हुईं। रजिस्ट्री में लगातार टालमटोल होने के बाद अब खरीददारों ने भुगतान की गई रकम वापस माँगनी शुरू कर दी है। कुल मिलाकर खरीददारों के हाथ में अब न तो जमीन है और न ही रकम ..। इस पूरे प्रकरण में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए अधारताल तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने खरीददार और विक्रेता दोनों को ही नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। जब तक जवाब और पूरे दस्तावेज नहीं मिल जाते तब तक इस प्रकरण में रजिस्ट्री के साथ ही बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।
इस बड़ी सौदेबाजी का पूरा तनाव सिर्फ रजिस्ट्रियाँ न होने की वजह से बना हुआ है। खरीददारों की अपनी परेशानी है और बेचने वालों के अपने तर्क हैं। बताया जाता है कि संपत्ति की रजिस्ट्रियाँ कॉलेज को संचालित करने वाली मप्र केसरवानी शिक्षा समिति द्वारा की जानी हैं। जो रजिस्ट्रियाँ की जानी हैं उसके लिए समिति संपत्ति का सौदा कराने वालों से चर्चा करना चाह रही है। कुल मिलाकर मामला उलझा हुआ है।

परमीशन है या नहीं, किसी को नहीं पता
पता चला है कि किसी भी ट्रस्ट या संस्था की जमीन बेचने के लिए संबंधित क्षेत्र के एसडीएम से परमीशन की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही फर्म एण्ड सोसायटी का भी इसमें दखल रहता है। सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को जमीन बेची गई है उनको यह भी नहीं पता कि इस जमीन को बेचने की परमीशन है या नहीं। लोग तरह-तरह के अनुमान लगा रहे हैं, विवादित जमीन होने के कारण अब खरीददार परेशान हो गए हैं और अपने पैसे वापस माँग रहे हैं।
यह है मामला
समिति के पदाधिकारियों का यह भी कहना है रजिस्ट्री करने से पहले उनको फर्म एवं सोसायटी में जो राशि जमा करनी है, उसकी व्यवस्था उनके पास नहीं है, जैसे ही व्यवस्था हो जाएगी रजिस्ट्रियाँ कर दी जाएँगी। उल्लेखनीय है कि केसरवानी कॉलेज गढ़ा फाटक की करीब 11 हजार वर्गफीट जमीन का सौदा करीब दो-ढाई साल पहले 11 लोगों को लगभग 11 करोड़ रुपए में किया गया था। जिनमें केवल दो लोगों की ही रजिस्ट्रियाँ की गई हैं। पी-3

रजिस्ट्रियाँ जल्दी कराने के प्रयास
गढ़ा फाटक कॉलेज की जमीन की बची हुई रजिस्ट्रियाँ भी जल्द कराने की कोशिश की जा रही है। रजिस्ट्री के लिए जरूरी फण्ड की व्यवस्था के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
-डॉ. व्हीके गुप्ता,
सचिव मप्र केसरवानी शिक्षा समिति नोटिस जारी कर माँगा है जवाब

केसरवानी कॉलेज प्रकरण में हमने खरीददार और विक्रेता दोनों को नोटिस जारी कर दिया है। इस संबंध में उनसे जवाब माँगा गया है कि अगर ट्रस्ट की जमीन है तो बिना परमीशन के बेची, अगर परमीशन ली है तो किससे ली है उसके दस्तावेज पेश करें।
प्रदीप मिश्रा, तहसीलदार



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Notice of Tehsildar in case of selling land of Kesarwani College, bothers to get buyer registry, conspiracy being done


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