एनएचएआई के अफसरों ने बताया कि हाईवे का नक्शा बनाने वाली फर्म के प्रस्ताव में नहीं था क्षेत्र में फ्लाईओवर


नागरिकों के प्रतिनिधि मंडल, स्थानीय प्रशासन, फोरलेन अथॉरिटी और सीडीएस कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को जनपद पंचायत सभाकक्ष में बैठक रखी गई। बैठक में नरसिंहगढ़ से सटे फोरलेन पर फ्लाईओवर बनाने की स्थिति को एनएच अथॉरिटी के डिप्टी मैनेजर अमित सिंह और अखिल सोनी ने बताया कि फोरलेन का नक्शा बनाने वाली कंसलटेंट फर्म ने डिजाइन में फ्लाईओवर प्रस्तावित नहीं किया था। इसके बाद बैठक में मौजूद लोग आक्रोशित हो गए।
सवाल जवाब की लंबी प्रक्रिया के बीच अंत में तय हुअा कि नगरीय क्षेत्र से सटे फोरलेन पर फ्लायअाेवर बनाने के लिए एसडीएम अपनी ओर से कलेक्टर को पत्र देंगे। जिसमें नागरिकों के सुझाव बिंदु भी शामिल किए जाएंगे। यह पत्र केंद्र को भेजा जाएगा। यह एक लंबी प्रक्रिया होती है इसलिए दुर्घटनाओं को तात्कालिक रूप से रोकने के लिए गादिया जोड़ से भोपाल बाईपास तक 7 स्थानों पर फोरलेन को जिगजैग सिस्टम से अलग-अलग पॉइंट पर मिट्टी या रेत से भरे ड्रम रखकर सुरक्षित किया जाएगा। बेरीकेडिंग भी की जाएगी ताकि वाहनों की रफ्तार धीमी रहे।
बैठक में एसडीएम अमन वैष्णव, तहसीलदार राजन शर्मा, टीआई सवाई सिंह नागर के साथ वरिष्ठ इंजीनियर बीके गुप्ता, फ्लाईओवर निर्माण संघर्ष समिति के छत्रवर्द्धन सिंह चंद्रावत, भगवतीशरण शर्मा, विवेक शर्मा, दीपेंद्र शर्मा, मनोज प्रजापति, सतीश भावसार, एडवोकेट जेपी अग्रवाल, संजय सोनी, संजय शेखर शर्मा, शाहिद सैफी आदि शामिल हुए।


पेड़ों की छंटाई शुरू की
फोरलेन पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार शाम को किनारे के पेड़ों और झाड़ियों की छटाई शुरू करवा दी। बांडी जोड़, बोड़ा बाईपास आदि क्षेत्रों में यह काम किया गया।

सर्वे नंबर बदलने का मामला भी उठाया
बैठक में एडवोकेट संजय सोनी ने एसडीएम को बताया कि फोरलेन के निर्माण के दौरान खसरा नंबर 325 पर फोरलेन बनाया जाना था लेकिन इसे बचा कर मारुति नंदन मंदिर के खसरा नंबर 843 पर फोरलेन बना दिया गया। जिससे फोरलेन सीधा मंदिर की दीवार से टिक गया और मंदिर सहित 44 फीट जमीन फोरलेन में चली गई। इस पर एसडीएम ने आश्वासन दिया कि वे प्रस्तावित डीपीआर में खसरा नंबर बदलने के मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे।

सोशल मीडिया पर छाया मामला... तालाब से कोपरा तो ले लिया पर सड़कें नहीं बनाईं
बैठक के बाद सोशल मीडिया पर यह मुद्दा भी छाया रहा कि फोरलेन के निर्माण के दौरान स्थानीय प्रशासन की केवल मौखिक अनुमति से ही सीडीएस कंपनी ने शहरी क्षेत्र के छोटा तालाब से कीमती कोपरा तो निकाल कर इस्तेमाल कर लिया। लेकिन बदले में शहरी क्षेत्र में 3 सड़कें बनाने का वादा पूरा नहीं किया।
फिर हुआ हादसा; 2 अलग-अलग दुर्घटनाओं में एक महिला की मौत, एक सुरक्षित
फोरलेन पर मौत का सिलसिला मंगलवार को लगातार तीसरे दिन जारी रहा। बांडा बेदरा जोड़ पर वाहन दुर्घटना में कुरावर निवासी एक महिला की मौत हो गई। जबकि दूसरी घटना बोड़ा बाईपास पर हुई। लेकिन संयोग से इस घटना में घायल महिला सुरक्षित है। फोरलेन पर 19 दिनों में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें पिछले 3 दिनों से लगातार मौत की घटनाएं हो रही हैं।

एनएचएआई के अफसराें की बात सुनकर नाराज हुए लोग
एनएचएआई के दोनों अधिकारियों ने बताया कि 2010 में जब फोरलेन की डीपीआर कंसलटेंट फर्म ने बनाई तो फ्लाईओवर प्रस्तावित नहीं था। इसके बाद निर्माण कार्य में हो रही देरी के बाद जब 2017 में सीडीएस कंपनी को यह काम दिया गया तब भी पुरानी ही डीपीआर को मान्य किया गया और फ्लाईओवर के बिंदु को नजरअंदाज किया गया।

दोनों ने यह भी बताया कि नरसिंहगढ़ बाईपास पर कहीं भी सर्विस लेन का प्रावधान डीपीआर में नहीं है। इन जानकारियों के बाद बैठक में मौजूद लोग नाराज हो गए। सीडीएस और एनएचएआई के अनुसार अभी काम अधूरा है। इसके बाद भी पूरे बाईपास क्षेत्र में कहीं भी किसी तरह के संकेतक नहीं लगाए गए हैं। जिससे तेज गति से आ रहे बाहरी क्षेत्र के वाहन चालकों को यह जानकारी नहीं मिल पाती कि यह नगरीय क्षेत्र है और कई दुर्घटनाएं इसी वजह से होती हैं। इस बात से भी लोग नाराज हैं।

विशेषज्ञ ने बताया- निर्माण कंपनी चाहे तो बन सकता है फ्लाईओवर
बैठक में मौजूद वरिष्ठ इंजीनियर बीके गुप्ता ने जानकारी दी कि इस तरह के बड़े निर्माण कार्यों में शासन की ओर से यह प्रावधान होता है कि ठेके की कुल राशि के 10 से 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त राशि का काम निर्माण कंपनी करवा सकती है। अगर शासन रुचि लेगा तो रूचि लेगा तो सीडीएस कंपनी फ्लाईओवर का निर्माण इस राशि में बहुत जल्दी शुरू कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी जवाबदारी कंसलटेंट फॉर्म पर थोपने के बजाय एनएचएआई पर डालनी चाहिए।

सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं फोरलेन के नगरीय क्षेत्र से सटे पूरे हिस्से में हम बहुत जल्दी सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं। झाड़ियों और पेड़ों की छंटाई, सड़क पर अवरोध रखने जैसे काम प्राथमिक स्तर पर किए जाएंगे।

इसके अलावा ब्रिज बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर से केंद्र सरकार को पत्र भेज रहे हैं। लोगों से भी अपील है कि हाईवे पर आते समय अपने वाहन की गति पर नियंत्रण रखें। हेलमेट पहनें, चार पहिया वाहन में हैं तो सीट बेल्ट लगाएं। सड़क को क्रॉस करते समय दोनों तरफ जरूर देखें। इन छोटे-छोटे उपायों से भी हम दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोक सकते हैं।
अमन वैष्णव, एसडीएम



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NHAI officials said that the flyover in the area was not in the proposal of the highway mapping firm


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