बीमा राशि नहीं मिलने की जांच तीन दिन में करवाने की रखी मांग

जिले में बीमा राशि वितरण में किसानों के साथ बीमा कंपनी लापरवाही कर रही है। अधिकांश किसानों को पूरा प्रीमियम भरने के बाद भी बीमा राशि कम मिली है, वहीं कुछ गांव ताे ऐसे भी हैं जहां किसानों को बीमा राशि मिली ही नहीं। ऐसे ही धनोरा, गुड़ी, बारव्ही गांवों के किसानों ने कांग्रेसियों के नेतृत्व में साेमवार काे कलेक्टोरेट पर प्रदर्शन किया। वहीं आठनेर ब्लॉक के हिवरा, सावंगी, बेलकुंड, मानी, नढ़ा गांव के किसानों ने भी बीमा राशि नहीं मिलने को लेकर शिकायत की। उन्होंने चेतावनी दी कि बीमा राशि नहीं मिली तो किसान आत्महत्या करने को मजबूर होगा। इसकी जिम्मेदारी सरकार की हाेगी।

धनोरा, गुड़ी, बारव्ही गांव के 50 से ज्यादा किसानों ने किसान कांग्रेस के बैनर तले रैली निकालकर कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर सहायक कलेक्टर तन्मय शर्मा को ज्ञापन दिया। इन गांवों के किसानों का कहना है कि उन्हें 2019 के फसल बीमा की राशि नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि आसपास के गांवों के किसानों को बीमा राशि दी गई, लेकिन हमारे गांव को छोड़ दिया गया, जबकि फसलें हमारी भी खराब हुई थी।

किसान कांग्रेस का आराेप : किसानों के साथ मजाक कर रही बीमा कंपनी: किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रमेश गायकवाड़, हेमंत वागद्रे, समीर खान, हेमंत पगारिया ने बताया बीमा कंपनी किसानों के साथ मजाक कर रही है। किसी को एक रुपए तो किसी को 19 रुपए बीमा राशि दी जा रही है और कुछ गांव तो छोड़ ही दिए हैं। इससे किसानों में बेहद नाराजगी है। किसान कांग्रेस के रमेश गायकवाड़ ने बताया जिस रुपए में चाकलेट और खिलौने भी नहीं आते, इतने रुपए किसानों को बीमा राशि देकर उनके साथ मजाक किया है। जिन गांवों के किसानों को बीमा राशि नहीं मिली, उसकी तीन दिन में जांच होना चाहिए। जांच नहीं होने पर उन्होंने सरकार की ईंट से ईंट बजाने की चेतावनी दी। सहायक कलेक्टर ने भी तीन दिन में जांच करने का आश्वासन दिया है।

फसलें हुई खराब, बीमा भी हुआ, लेकिन राशि नहीं मिली : 2018 व 19 में धनोरा, बारव्ही व गुड़ी गांव में खरीफ फसल खराब हुई थी। लेकिन प्रीमियम भरने के बाद भी बीमा राशि नहीं मिली। बारव्ही के किसान प्रवीण आर्य, रमेश धोटे, भूराजी सोनारे ने बताया सरकार द्वारा फसल नुकसान के लिए हमारे गांव का चयन किया था। फसलें भी खराब हुई थी, लेकिन बीमा राशि नहीं दी गई। किसानों ने बताया यदि ऐसे संकट में सरकार किसानों को बीमा का लाभ नहीं देती है तो किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। किसानों ने बीमा राशि नहीं मिलने की जांच तीन दिन में करवाने की मांग की।

बंद मिला कृषि उपसंचालक का ऑफिस : कलेक्टोरेट में ज्ञापन देने के बाद किसान कृषि उपसंचालक के दफ्तर गए, लेकिन वह बंद मिला। हाल में ही कोरोना पॉजिटिव आए आमला विधायक डॉ. योगेश पंडागरे कृषि विभाग के कार्यालय पहुंचे थे। इसीलिए एहतियात के तौर पर कार्यालय को बंद कर दिया गया है। कृषि विभाग के एसडीओ रामवीर सिंह राजपूत ने बताया दो दिन के लिए उप संचालक का कार्यालय बंद किया है। कृषि उपसंचालक केपी भगत ने बताया 18 सितंबर को आमला विधायक कार्यालय में आए थे। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दो दिनों के लिए दफ्तर बंद किया है।

चार किश्तों में देने का वादा, एक ही मिली : आठनेर ब्लॉक के नड़ा, मानी, बेलकुंड, हिवरा, सावंगी, धारुड़ तथा पाट गांव के किसानों ने भी सोमवार को बीमा राशि नहीं मिलने की शिकायत की। गुलाबराव काप्से, धनराज महाले, रतनलाल चौहान ने बताया पटवारी हल्का नंबर 10 में आने वाले गांवों के किसानों को 2019 की फसल बीमा राशि नहीं मिली है। 2019 में चार किस्तों में मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन किसानों को एक ही किस्त मिली।

चार-पांच दिन में सूची आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी

2019 में फसल बीमा की राशि को लेकर सूची बीमा कंपनी से सूची पटवारी हल्का नंबर के अनुसार मंगवाई है। बीमा कंपनी द्वारा किस गांव के किस किसानों को लाभ दिया है। चार-पांच दिन में सूची आने के बाद देखा जाएगा, कहां लाभ मिला और कहां नहीं। सोमवार को वीसी में भी प्रदेश स्तर से ही सूची बनाने की जानकारी मिली है।
-केपी भगत, कृषि उपसंचालक, बैतूल



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