कोरोना वैक्सीन का पुणे में ट्रायल शुरू; आईआईटी के प्रभारी निदेशक ने कहा- सूडो वायरस की मदद से बनाई वैक्सीन, इसी तकनीक से इबोला की वैक्सीन बनी

आईआईटी इंदौर के प्रभारी निदेशक ने दावा किया है कि संस्थान में कोरोना की वैक्सीन बना ली गई है। सूडो वायरस, यानी कोरोना जैसे वायरस की मदद से तैयार इस वैक्सीन का नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस पुणे में क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। जानवरों पर इसका प्रयोग किया जा रहा है। सब ठीक रहता है तो जल्द मनुष्यों पर भी प्रयोग किया जाएगा। तय नहीं है कि कब तक यह वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।

सोमवार को आईआईटी के दीक्षांत समारोह में प्रभारी निदेशक प्रो. नीलेश जैन ने कहा कि संस्थान ने वैक्सीन के लिए सूडो वायरस पार्टिकल यानी कोरोना वायरस जैसा छद्म वायरस तैयार किया। इसकी संरचना और गुणधर्म कोरोना वायरस जैसे हैं, लेकिन ये सुरक्षित है। आईआईटी इंदौर के बायोसाइंस और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर, पीएचडी स्कॉलर और पोस्ट डॉक्टरल छात्र इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सूडो वायरस को तैयार करने के लिए जानवरों में पाए जाने वाले वेसकुलर स्टोमेटिटिस वायरस (वीएसवी) के जेनेटिक मटेरियल और सार्स-कोव-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन्स का उपयोग किया गया है। इसी तरह की प्रक्रिया के जरिए इबोला की वैक्सीन तैयार करने में भी सफलता हासिल हुई थी। सूडो वायरस पार्टिकल के लिए जेनेटिक्स, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, एनिमल सेल कल्चर के अलावा एनिमल मॉडल्स पर भी रिसर्च की जा रही है। इस प्रोजेक्ट पर आईआईटी के साथ पुणे की नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस संस्था भी काम कर रही है।

हम दुनिया को बाजार नहीं परिवार मानते हैं : पोखरियाल
इंदौर | देश के सबसे स्वच्छ शहर में और आईआईटी जैसे संस्थान में वर्षों की मेहनत के बाद आज आप निर्माण क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। वैसे शिक्षा का कभी अंत नहीं होता। पढ़ाई पूरी करने के बाद असली परीक्षा शुरू होती है। आपके जीवन की परीक्षा अब शुरू होगी। ना सिर्फ आपके परिवार, संस्थान और प्रदेश को आपसे उम्मीदें हैं बल्कि पूरा देश और विश्व आपकी ओर उम्मीद से देखेगा। हम दुनिया को बाजार नहीं परिवार मानते हैं।

ये बातें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईटी इंदौर के आठवें दीक्षांत समारोह में कही। ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रम में आईआईटी इंदौर के बोर्ड चेयरमैन डॉ. दीपक भास्कर फाटक, अपर सचिव, तकनीकी शिक्षा राकेश रंजन सहित अन्य लोग मौजूद थे।मैडल हासिल करने वाले छात्रों को आईआईटी निदेशक ने इसी दौरान सम्मानित किया। पोखरियाल ने कहा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले हमारे देश में एक हजार से ज्यादा विश्वविद्यालय, 45 हजार से ज्यादा डिग्री कॉलेज, पंद्रह लाख से ज्यादा स्कूल, एक करोड़ से ज्यादा अध्यापक और अमेरिका की आबादी से ज्यादा करीब 35 करोड़ छात्र-छात्राएं हैं।

सफलता की उड़ान... दीक्षांत समारोह में 412 छात्र हुए शामिल
{परंपरा के मुताबिक दीक्षांत समारोह के बाद छात्र-छात्राओं ने अपनी टोपी को हवा में उड़ाया। समारोह में 233 बी.टेक के 233, एमएससी के 58, एमटेक के 57, एमएस रिसर्च के 6 और पीएचडी के 58 छात्रों को मैडल दिए गए।



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दीक्षांत समारोह में 412 छात्र हुए शामिल


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