बाजार और आयोजनों के लिए प्रशासन की स्पष्ट गाइड लाइन नहीं, मास्क पर ही भरोसा

जिले में काेराेना का संक्रमण व डेंगू का खतरा साथ बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने काेई ठाेस रणनीति नहीं बनाई। काेराेना का संक्रमण राेकने मास्क लगाने की अनिवार्यता पर पूरा फाेकस है। इसकी अनदेखी करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन शादियाें की खरीदी के लिए बाजार में उमड़ रही भीड़ काे नियंत्रित करने की काेई प्लानिंग नहीं है।

मांगलिक आयाेजन, सामाजिक कार्यक्रमाें में शामिल हाेने वाले लाेगाें की संख्या, आयोजन स्थल के आकार, अनुमति के लिए अधिकृत अधिकारी, शहर व गांव के लिए क्या नियम-निर्देश हैं, इसे लेकर आज तक प्रशासन ने जिला स्तर से काेई निर्देश जारी नहीं किए।

संभाग के हाेशंगाबाद व बैतूल में कलेक्टराें ने स्थानीय स्तर पर निर्देश जारी किए हैं। देव उठनी ग्यारस से मांगलिक कार्यक्रमाें का दाैर शुरू हाे गया। सर्दी का सीजन भी दस्तक दे चुका है। काेराेना के संक्रमित भी बढ़ ही रहे हैं। इधर शादी-ब्याह की खरीदी के लिए बाजार में भीड़ भी बढ़ रही है।

कपड़ा, सराफा दुकानाें पर राेक के काेई इंतजाम नहीं

घंटाघर शहर का मुख्य बाजार है। यहीं कपड़ा, बर्तन, सराफा, पटवा बाजार है। बाजार में दुकानाें के आकार छाेटे हैं। कई बार एक साथ ज्यादा ग्राहक आ जाते हैं। ऐसे में मास्क की अनिवार्यता का पालन ताे संभव है, लेकिन दाे गज की दूरी मेंटेन नहीं हाे पाती है।

तंग गलियां, रास्ते में ठेले, दुकान के बाहर सामान

बाजार की गलियां तंग हैं। व्यावसायिक काम्प्लेक्स के गलियाराें में दुकानदाराें ने सामान रखकर बंद कर रखा है। बाजार में पैदल निकलने की गलियाें में फल, नमकीन के ठेले खड़े हाे जाते हैं। राेड किनारे दुकानदार सामान या बेंच रख देते हैं।

संक्रमिताें की नहीं मिलती जानकारी, सख्ती भी नहीं

ज्यादातर काेराेना संक्रमिताें काे हाेम आइसोलेशन की सुविधा मिल रही है। बैरिकेड नहीं लगाने व कंटेनमेंट जाेन नहीं बनाने से अब किसी संक्रमित के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे लाेग भी सख्ती व पाबंदी न हाेने से खुलेआम भीड़ व बाजार आदि में सामान्य लाेगाें के बीच घूमते-फिरते हैं।

हाेशंगाबाद-बैतूल में जिला स्तर पर जारी हुई गाइड लाइन

शहर व गांव दाेनाें में मांगलिक आयोजन शुरू हाे चुके हैं। अन्य जिलाें की तरह यहां स्थानीय स्तर पर प्रशासन द्वारा सरल भाषा में अलग से काेई मेहमानाें की संख्या, आयोजन स्थल का न्यूनतम अाकार, अन्य जरूरी नियमाें के निर्देश जारी नहीं किए हैं। उत्सव आयोजन के लिए अनुमति की अनिवार्यता भी नहीं है। बाजार की भीड़ नियंत्रित करने काेई नियम नहीं बनाए। ऐसे में लाेग संशय में हैं। वे यह मानकर 200 से ज्यादा लाेगाें काे न्याेता दे रहे हैं कि प्रशासन कार्रवाई करेगा ताे जुर्माना भर देंगे।

कल ही सख्ती के लिए कहूंगा

गृह मंत्रालय की गाइड लाइन में सब कुछ स्पष्ट है। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। कल ही मैं इस संबंध में अधिकारियाें काे काेराेना संक्रमण के नियमाें का पालन कराने के लिए कहूंगा। अनावश्यक भीड़ व लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।

- संजय गुप्ता, कलेक्टर हरदा



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Relying on masks, not a clear guide line of administration for markets and events


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