बादाम सस्ती होने से काजू में मांग कम

बादाम की बड़ी मात्रा में आयात एवं सस्ती होने के बाद भी मांग पूर्व वर्ष जैसी नहीं बताई जाती है। बादाम सस्ती होने की वजह से काजू की मांग प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के दौरान काजू एवं टुकड़ी में मांग एकदम कम थी। लॉकडाउन, होटल, रेस्टोरेंट खुलने, दीपावली जैसा बड़ा त्योहार होने के बाद भी काजू टुकड़ी में मांग कम है। फैक्टरियां के पास बड़ी मात्रा में टुकड़ी का स्टॉक जमा हो गया है।

मिठाई निर्माताओं की टुकड़ी में मांग सुस्त है। दीपावली बाद कुछ वैवाहिक मुहूर्त हैं। देखना है काजू टुकड़ी में कितनी मात्रा में मांग निकलती है। वैसे बादाम की मंदी ने अनेक सूखे मेवों की मांग का प्रभावित किया है। कैलिफोर्निया एवं ऑस्ट्रेलिया में बादाम का उत्पादन प्रतिवर्ष बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में विश्व के कई देशों में पुन: लॉकडाउन शुरू हो जाने से काजू की मांग प्रभावित होना स्वाभाविक है।

सियागंज किराना बाजार में फेरी वालों की हल्के काजू, किशमिश, बादाम एवं खारक में मांग है। थोक दुकानदारों के नहीं बिकने लायक माल को फेरी वाले ले जा रहे हैं। गांव-गांव में सस्ता मेवा बेच रहे हैं। दीपावली पर दुकानदारों के यहां भी हल्के माल की सफाई हो रही है। मैदा, रवा एवं बेसन में थोड़ी- बहुत ग्राहकी निकली है। करेली में 45 से 50 ट्रक गुड़ की आवक रही। छोटे माल में कुछ सुधार रहा। खोपरा गोला, बूरा में मांग है।



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