10वीं और 12वीं की नियमित लगेंगी कक्षाएं एक कक्ष में 20 विद्यार्थी ही कर सकेंगे पढ़ाई

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10 और 12वीं की परीक्षाओं में वे विद्यार्थी ही बैठ सकते हैं, जिनकी उपस्थिति कक्षाओं में रही है। इस नियम को देखते हुए अब 10वीं और 12वीं की कक्षाएं नियमित लगेंगी। हालांकि इन कक्षाओं को संचालित करते समय स्कूलों को कोविड-19 के लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन करना पड़ेगा। स्कूल एक कक्षा में 20 से अधिक विद्यार्थियों को नहीं बैठा सकेंगे। सोमवार की शाम जिला संकट प्रबंधन समूह की सहमति के बाद उक्त प्रस्ताव गृह मंत्रालय को सुझाव और सहमति के लिए भेजा गया है।
प्रदेश स्तर समिति के निर्णय पर जिला स्तर कमेटी के सुझाव और सहमति के लिए कलेक्टर अभय वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार की शाम बैठक का आयोजन किया गया। इसमें फरवरी और मार्च से शुरू होने वाली मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की नियमित कक्षाएं लेगेंगी।
इसके लिए स्कूलों को एक कक्षा में 20 से अधिक विद्यार्थियों को बैठाने पर पाबंदी लगाई है। वहीं स्कूल कोविड गाइड लाइन की दिशा निर्देशानुसार ही संचालित हो सकेंगे। यानी हर छात्र की स्क्रीनिंग, ऑक्सीजन लेवल, सैनिटाइज की व्यवस्था प्रबंधन को करना होगी।
इस दौरान स्कूलों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करना जरूरी होगा। कमेटी ने उक्त प्रस्ताव को सभी की सहमति से गृह मंत्रालय के लिए भेजा है। यह निर्देश सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के लिए जारी किए गए हैं। बैठक में एडीएम डॉ. अनुज रोहतगी, जिपं सीईओ बीएस जाटव, नवोदय, सेंट्रल स्कूल, प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ जिलाधिकारी मौजूद रहे।
स्कूल संचालन के लिए ये भी जरूरी: प्रतिदिन थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीजन लेवल चेक करने, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य होगी। कक्षा 1 से 8 तक की क्लासेस सिर्फ ऑनलाइन की लग सकेंगी।
बच्चों के अभिभावकों की सहमति जरूरी
बैठक में राज्य स्तर की कमेटी द्वारा कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति से पहले उनके अभिभावकों की सहमति जरूरी बताई है। इस पर कलेक्टर ने सभी स्कूल संचालकों को एक फार्म का प्रारूप बनाकर अभिभावकों की लिखित में सहमति लेने के लिए निर्देशित किया।
स्कूलों में यह गतिविधियां रहेंगी बंद
आपदा प्रबंधन समूह द्वारा स्कूल में प्रार्थना न करें, सामूहिक कार्यक्रम, पीटी, खेलकूद और ऐसे कार्यक्रम जिसमें लोग एकत्रित हों उसको न करने के निर्देश दिए।
नवोदय स्कूल आवासीय, यहां विशेष ध्यान दें
जिले में एक मात्र आवासीय स्कूल नवोदय विद्यालय खिरिया देवत है। यहां पर 166 विद्यार्थी 10 वीं और 12 वीं में अध्ययनरत हैं। कलेक्टर श्री वर्मा ने प्राचार्य को सबसे पहले अभिभावकों की लिखित अनुमति लेने के लिए निर्देशित किया। वहीं उन्होंने बच्चों के हॉस्टल की पारंपरिक व्यवस्था जिसमें एक बैड के ऊपर दूसरा बैड रहता है उसमें बदलाव कर एक बैड एक ही विद्यार्थी को उपलब्ध कराने निर्देशित किया। उन्होंने हॉस्टल की मैस में भी शिफ्ट में बच्चों को बुलाने के निर्देश दिए।
निजी स्कूल संचालकों ने उठाया फीस का मुद्दा
स्कूल संचालकों ने बैठक में पूछा कि फीस किस तरह से लेंगे। इस पर कलेक्टर और अधिकारियों ने कहा कि हाईकोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक पूर्व निर्धारित ट्यूशन फीस (शैक्षणिक शुल्क) की ली जा सकेगी। वहीं स्कूल संचालकों का कहना है कि पिछले साल की फीस नहीं आई है। उसको वसूलने पर कोई आपत्ति तो नहीं होगी।
इस पर कमेटी के सदस्यों ने कहा कि इस संकटकाल में आप लोग सहयोग कीजिए। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि बिजनेस में प्रोफिट और लॉस होता है। वहीं कक्षा 9 और 11वीं की क्लासेस ऑनलाइन संचालित हो रही हैं। जिला शिक्षाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जिनको गाइडेंस की जरूरत है वे स्कूल आ रहे हैं।
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