4387 स्ट्रीट वेंडर के लोन प्रकरण बैंकों ने अटकाए, मात्र 10 हजार देने में आनाकानी

प्रधानमंत्री स्व निधि आत्मनिर्भर योजना के जिले में बुरे हाल हैं, लॉकडाउन में बंद हुए छोटे-मोटे धंधे को फिर से शुरु कराने के लिए स्ट्रीट वेंडर लोन के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। सिर्फ उन्हें तारीख पर तारीख दी जा रही हैं। अब भी 4387 स्ट्रीट वेंडर के प्रकरण बैंकों ने अटका लिए हैं। जबकि जिले भर की नगर पालिकाओं ने अपने यहां से प्रकरण स्वीकृत कर लोन के लिए भेज दिए हैं। शहर की 4 निजी बैंकों ने तो एक भी प्रकरण मंजूर नहीं किया है।

केंद्रीय स्तर पर हर दिन इस प्रोजेक्ट की निगरानी की जा रही है। हर दिन रिपोर्ट तलब होती है। बैंकों की तरफ से सहयोग न मिलने पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में नाराजगी जताई, बैंकों से कहा है कि एक सप्ताह में प्रकरणों का निपटारा करें, प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कैंप लगाकर अटके मामलों में लोन स्वीकृत कराया जाएगा। जिन बैंकों ने लापरवाही कि उन्हें नोटिस भी जारी होगा।

अगले सप्ताह फिर समीक्षा : बैंकों में अटके प्रकरणों को लेकर अगले सप्ताह फिर से बैठक होगी। जिन बैंकों की प्रगति ठीक नहीं होगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके।

यह है जिले में योजना की स्थिति
नगर पालिका गुना ने 5263 प्रकरण ऑनलाइन बैंकों को भेजे थे, इसमें से सिर्फ 47 प्रतिशत को ही लोन मिला है। इसी तरह राघौगढ़ नपा के 1252 प्रकरण में से 45 प्रतिशत, आरोन नगर परिषद 766 में से 43 प्रतिशत, कुंभराज नगर परिषद के 541 में से 51 प्रतिशत, चांचौड़ा-बीनागंज नगर परिषद के 638 प्रकरणों में से 58 प्रतिशत को मंजूरी मिली। कुल मिलाकर 8460 प्रकरण जिले भर से नगर पालिकाओं ने बैंकों को भेजे, जिसमें से 48 प्रतिशत को ही बैंकों ने मंजूर किया।

5 बैंक, जिसने एक भी प्रकरण मंजूर नहीं किया
प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के तहत निजी बैंकों की ज्यादा शिकायतें हैं। 5 बैंक जिसमें बंधन बैंक, एक्सिस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, कोटेक महिंद्र बैंक शामिल हैं। इन बैंकों ने अब तक एक भी प्रकरण में 10 हजार रुपए का लोन मंजूर नहीं किया है।

6 से अधिक बैंक प्रबंधक नहीं पहुंचे बैठक में
जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में आधा दर्जन बैंक के न तो प्रबंधक पहुंचे और न ही कोई प्रतिनिधि को भेजा। इसे लेकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आरोन, राघौगढ़ शाखा और मध्यभारत ग्रामीण बैंक की आवन शाखा की शिकायतें को लेकर भी नाराजगी जताई गई।

चिंताजनक स्थिति सिर्फ 52 फीसदी इंतजार में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर को आत्मनिर्भर बनाना था। इसे लेकर 9 सितंबर को प्रधानमंत्री का संवाद भी हुआ था, उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन में जिन लोगों के काम धंधे बंद हो गए, उन्हें 10 हजार का लोन दिया जाएगा। ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। हालांकि 48 फीसदी लोगों को लोन मिल चुका है। लेकिन 52 फीसदी अब भी इंतजार में हैं। वह बैंकों के चक्कर काट रहे हैं, उन्हें आज-कल का समय देकर इधर से उधर भगाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायतें
नगर पालिकाओं से स्ट्रीट वेंडरों के प्रकरण मंजूर होने के बाद बैंकों में लटक गए हैं। इस वजह से लोग अब सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। जिले भर में बैंकों से जुड़ी 500 से ज्यादा शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हैं। जिसमें विभिन्न योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना सहित विभिन्न मामले से संबंधित शिकायतें हैं। इनके निपटारे के लिए भी कलेक्टर ने बैंकों से कहा है।यतें को लेकर भी नाराजगी जताई गई।



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जिला स्तरीय बैंकर समिति की बैठक में मौजूद अधिकारी।


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