68 साल के आरडी बांके ने गाया- जरा हलके गाड़ी हांकाे मेरे राम गाड़ी वाले
गुजरते साल के आखिरी रविवार काे म्यूजिकल ग्रुप ने गीत-संगीत कार्यक्रम का आयोजन वृद्धाश्रम में किया। दाेपहर 3 बजे शुरू हुआ गीत-संगीत कार्यक्रम शाम 6 बजे तक चला।
इसमें गायकाें व वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गाें ने गीत, गजल, भजन और अंताक्षरी सहित पार्श्व गायकों के गाए गीत, गजलें आवाज में गुनगुनाए। 3 घंटे चली स्वर लहरियों के जरिए सभी ने कुछ न कुछ गुनगुनाया। जिसे सभी ने पसंद किया। बुधवार को बुजुर्गों के मनोरंजन और उन्हें अपनी पसंद का गीत गाने के लिए कार्यक्रम रखा। शुरू में बुजुर्ग आवाज ठीक से नहीं निकलती, गला ठीक नहीं रहता, ऐसी दलीलें देते रहे। इस बीच 1955 में जन्मे अारडी बांके ने सबसे पहले कांपते हाथों से माइक थामा। उन्होंने जरा हल्के गाड़ी हांकाें मेरे राम गाड़ी वाले भजन सुनाया। सभी ने तालियां बजाकर दाद दी। इससे उनका हाैसला बढ़ा। इसके बाद धीरे-धीरे दूसरे लोगों में माइक थामने व अपनी पसंद का गीत सुनाने की होड़ सी लग गई। रामदुलारी बाई ने माेरे बांके बिहारी लाल तू इतना ना करियाे इतना शृंगार, नजर ताेहे लग जाएगी सुनाया। 63 साल की कला बाई ने भजन सदगुरु ने पकड़ी मेरी बांह नहीं तो मैं बह जाती.. इससे माहौल गंभीर हो गया। इस बीच माहौल खुशनुमा बनाने के लिए रेखा पटेल ने ब्लैक मेल फिल्म का गीत पल-पल दिल के पास तुम रहती हो सुनाया। बाल गायक आर्यन नेमा ने पल-पल ठहर जाए ताे जिंदगी ये संवर जाए सुनाया। सुदीप मिश्रा ने जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर सुनाया, जिस पर खूब तालियां बजीं। एक बुजुर्ग ने आज मौसम बेईमान है और तुम अगर साथ देने का वादा करो जैसे नग्मे सुनाए। कायर्क्रम में अन्य कलाकाराें ने भी गीत सुनाए।
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