78.5 हेक्टेयर जमीन के बदले मिलेगा ज्यादा एफएआर; टीडीआर से बनेंगी 18 किमी की छह सड़कें, 1000 करोड़ रुपए बचेंगे

सीपीए राजधानी की छह सड़कें जमीन अधिग्रहण की बजाय ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) के जरिए बनाने जा रहा है। लगभग 18 किमी की इन सड़कों में 78.5 हेक्टेयर जमीन पर टीडीआर सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यदि इस जमीन को अधिग्रहित किया जाए तो राज्य सरकार को कलेक्टर गाइडलाइन से दोगुना यानी 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा देना होगा। जबकि सड़क निर्माण पर लगभग 80 करोड़ खर्च होंगे।

टीडीआर पॉलिसी तय होने के बाद सीपीए ने पहली बार यह प्रस्ताव टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) को भेजा है। जहां सड़कें बनाई जाना है वहां के ज्यादातर भू स्वामियों ने टीएंडसीपी को अपनी सहमति दे दी है। इंदौर में टीडीआर से कुछ सड़कें बनी हैं, लेकिन भोपाल में अभी तक इसका उपयोग नहीं हुआ है। टीडीआर से इन सड़कों के निर्माण के लिए तैयार रिपोर्ट के अनुसार सड़क के दोनों ओर आधा किमी तक एफएआर का इंफ्लुएंस एरिया होगा। यानी यह माना जा रहा है कि सड़क बनने से दोनों ओर आधा किमी तक जमीन के भाव बढ़ेंगे। टीएंडसीपी यदि इस इंफ्लुएंस एरिया को रिसिविंग एरिया घोषित कर दे तो यहां एफएआर का उपयोग किया जा सकेगा। मेट्रो प्रोजेक्ट या ऐसे ही किसी प्रोजेक्ट के आसपास भी रिसिविंग एरिया घोषित किया जा सकता है।

क्या है टी़डीआर...
टीडीआर के तहत सड़क या किसी सरकारी परियोजना के लिए निजी जमीन का अधिग्रहण करने पर नगद मुआवजा देने की बजाय डेवलपमेंट राइट्स (यानी निर्माण का अधिकार) एफएआर (फ्लोर एरिया रैशो) दिया जाता है।

टीडीआर से इन सड़कों का निर्माण होगा

25 साल पहले तैयार प्लान में

  • 284 किमी सड़कों का प्रावधान मास्टर प्लान में
  • 53 किमी तक ही सड़कों का हो पाया निर्माण
  • 2013 में हुए सर्वे में मास्टर प्लान की 22 सड़कों पर कब्जे मिले

170 किमी सड़क के लिए चाहिए थे 3943 करोड़-टीडीआर की पॉलिसी आने से पहले सीपीए ने 170 किमी सड़कों के निर्माण के लिए खाका तैयार किया था। जमीन अधिग्रहण के साथ प्रोजेक्ट में कुल 3943 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया था। इतनी बड़ी राशि देखते ही प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया।

बीडीए ने बनाई थी 11 प्रमुख सड़कों की सूची
बीडीए ने तीन साल पहले 11 सड़कों की सूची तैयार की थी, जिनका प्राथमिकता के आधार पर निर्माण जरूरी बताया गया था, लेकिन इसमें भी कोई प्रगति नहीं हुई।

प्रयोग सफल हुआ तो अन्य सड़कों का भी ऐसे ही होगा निर्माण
सीपीए की ओर से टीडीआर का उपयोग कर सड़क निर्माण का एक प्रस्ताव शासन को भेजा है। भू स्वामी भी तैयार हैं। यह शासन और आम जनता व भू स्वामी सभी के लिए फायदे का सौदा है। एक बार प्रयोग सफल होने पर अन्य सड़कों का भी इसी तरह निर्माण होगा।- जवाहर सिंह, अधीक्षण यंत्री, सीपीए



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टीडीआर से इन सड़कों का निर्माण होगा


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