अनारक्षित वर्ग में आरक्षित को नहीं मिला स्थान, हजारों युवा बाहर
मप्र अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ(अजाक्स) ने शनिवार मप्र लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा के खिलाफ रैली निकालकर राज्यपाल से निरस्त करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष प्रदीप करोंदिया, कार्यकारी जिलाध्यक्ष बलिराम निगोले ने बताया कि 2019 में हुई परीक्षा का परिणाम 21 दिसंबर को घोषित किया है। परीक्षा में संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ आवेदकों को साथ अन्याय किया है। इसमें आरक्षित वर्ग (अजा, अजजा व पिछड़ा वर्ग) के आवेदकों को अनारक्षित वर्ग में स्थान नहीं दिया गया। इससे हजारों आरक्षित वर्ग के आवेदक मुख्य परीक्षा से वंचित हो गए। प्रदेश के 87 प्रतिशत आवेदकों को केवल 50 प्रतिशत पदों में सीमित किया है। जबकि 13 प्रतिशत सामान्य आवेदकों को 50 प्रतिशत का अनुचित लाभ दिया है। सर्वोच्च न्यायालय की याचिका में इंदिरा साहनी व आरके सबरवाल संविधान पीठ के निर्णय में स्पष्ट है कि अनारक्षित वर्ग की मेरिट सूची में आरक्षित वर्ग को शामिल किया जाए।
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