संसार जगमगाता बाजार, इसकी चकाचौंध में समय गंवाना व्यर्थ

यह संसार एक जगमगाता बाजार है, अगर इसकी चकाचौंध में पड़ गए तो पूरा जीवन व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए मोह माया त्यागकर प्रभु भजन में अपना समय बिताओ, यही इस जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। यह बात प्रेम प्रकाश आश्रम में आयोजित सत्संग समारोह में संत प्रताप राय कह रहे थे। सत्संग समारोह से पूर्व यहां भगवान लक्ष्मी नारायण की आरती हुई। जिसमें शामिल होकर शहर के श्रद्धालुओं ने धार्मिक लाभ लिया।

इस दौरान संतश्री ने कहा कि प्राणी मोह-माया में फंसकर दूसरे जीव को दुख पहुंचाकर अपने लिए धन जोड़ता है। लेकिन अंत में सब यहीं रखा रह जाता है। क्योंकि इंसान खाली हाथ ही संसार में आता है और खाली हाथ ही जाता है। इसलिए कमाओ इतना कि पेट भर जाए, परिवार का पोषण हो इतना भी नहीं कि धनलिप्सा में गलत रास्तों पर चलना पड़े।

पाप के भागीदार बनने के बाद मृत्यु उपरांत पापों का फल व्यक्ति को खुद भुगतना पड़ता है। संजती ने बताया कि श्रीमद्भागवत गीता योगेश्वर श्रीकृष्ण की वाणी है। इसके प्रत्येक श्लोक में ज्ञानरूपी प्रकाश है। जिसके प्रस्फुटित होते ही अज्ञान का अंधकार नष्ट हो जाता है। गीता में ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गों की विस्तृत व्याख्या की गयी है। गीता में बताए मार्गों पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।



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World sparkling market, wasted time in its glare


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