क्योंकि ये लोगों की सेहत से बार-बार कर रहे खिलवाड़

कलर और बुरादे की मिलावट कर मसाले बेचने वाला व्यापारी प्रताप अाहूजा शहर में मसाला किंग के नाम से जाना जाता है। यह पहली बार नहीं है जब जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की टीम ने इस व्यापारी को मिलावटी मसाले बनाते हुए पकड़ा हो। इसलिए मिलावटखाेरों की एक ही सजा है उन पर रासुका की कार्रवाई की जाए।
2 जनवरी 2020 को इसी व्यापारी की नया बाजार स्थित मसाला फैक्ट्री पर छापा डाला था। उस समय फैक्ट्री से फफूंद लगी धनिया और इमली मिली थी। इसके अलावा मिर्ची और हल्दी के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे।
जांच रिपोर्ट में सैंपल अनसेफ पाए गए। मसाले में मिलावट की पुष्टि हुई। इसके बाद व्यापारी ने सैंपल की जांच के लिए मैसूर स्थित लैब में भेजने की अपील की। वहां से भी रिपोर्ट अनसेफ ही आई है, लेकिन छापे के 10 माह बाद भी व्यापारी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नतीजा व्यापारी के हौसले इतने बुलंद है कि उसने इस बार जगह बदलकर दोबारा मिलावट का कारोबार शुरू कर दिया। इस बार भी मसाला किंग की फैक्ट्री से मिलावटी मसाले बरामद हुए हैं।
इन्हें जांच के लिए भोपाल स्थित लैब भेजा है, लेकिन रिपोर्ट कब आएगी इस बात का अंदाजा अफसरों को भी नहीं है। पिछली रिपोर्ट आने में पहले 2 माह और फिर 8 माह लग गए। इसी बात का फायदा उठाकर सागर में मिलावट का धंधा चल रहा है। मसाले से लेकर मावे तक एक ही व्यापारी पर दो या दो
से अधिक बार कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन रासुका नहीं लगाई।
ग्वालियर और मुरैना का नकली मावा बेचने वाले व्यापारियों पर भी सख्ती नहीं
ग्वालियर व मुरैना से नकली मावा आ रहा है। सागर में नकली मावा बेचने वाले दो व्यापारियों पर 7 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक व्यापारी की 2018 में मौत होने के बाद से उसकी फाइल बंद कर दी, लेकिन दूसरा तिली रोड स्थित मिठाई दुकान संचालक है।
मिलावटखोरों के चल रहे मामलों की जानकारी लेने के बाद ही बनेगा रासुका का प्रस्ताव
अतुल सिंह, एसपी
मिलावटखोरी पर रासुका की कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?
- रासुका की कार्रवाई करने की एक प्रक्रिया है। पहली बार यदि कोई अपराध करता है तो उस पर ऐसी कार्रवाई नहीं होती।
लेकिन सागर में कई मिलावटखोरों पर सात से भी ज्यादा केस चल रहे हैं। क्या यह रासुका के लायक नहीं है?
- मैं कलेक्टर से बात कर ऐसे मिलावटखोरों की जानकारी लेता हूं। रासुका की कार्रवाई का प्रस्ताव भी भेजा जाएगा।
गंदगी के बीच गुरुगोविंद सिंह वार्ड में बन रही थी ब्रेड, छापा
मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत खाद्य विभाग की टीम ने रविवार को दो अलग-अलग स्थानों पर छापा मार कार्रवाई की। फूड इंस्पेक्टर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे पहले टीम गुरु गोविंद सिंह वार्ड स्थित राठौर बेकरी फर्म की ब्रेड फैक्ट्री पर पहुंची थी। जहां गंदगी के बीच ब्रेड बनना पाई गई। जांच के लिए ब्रेड और मेदा के सैंपल लिए गए हैं।
वहीं संचालक पवन राठौर के पास खाद्य विभाग का पंजीयन भी नहीं मिला। इसके बाद टीम ने भैंसा नाका स्थित महाराष्ट्र मसाला फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां भी संचालक दीपक कोष्ठी द्वारा गंदगी के बीच मसाले बनाए जा रहे थे। टीम ने यहां से हल्दी और धनिया के सैंपल लिए हैं।
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