चार महीने में दूसरा डाॅक्टर भी हुआ रिलीव, सेंवढ़ा अस्पताल के मरीज फिर एक ही डॉक्टर के भरोेसे

सेंवढ़ा सिविल अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डाॅ. नवीन नागर का स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हस्तिनापुर ग्वालियर के लिए हो गया है। 22 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश के एक दिन बाद 23 को सीएमएचओ डाॅ. एसएन उदयपुरिया ने उन्हें रिलीव भी कर दिया।

इसके पहले 25 सितम्बर को डाॅ. केके अमरइया को सेंवढ़ा से जिला चिकित्सालय दतिया के लिए रिलीव किया जा चुका है। दोनों ही चिकित्सक गत वर्ष अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को लेकर चले लंबे आंदोलन के बाद सेंवढ़ा पदस्थ किए थे। एक वर्ष के अंदर ही दोनों को सेंवढ़ा से हटा दिया गया है। जिससे सेंवढ़ा में एक बार चिकित्सकों की कमी आ गई। हालांकि इसे अब कब पूरा किया जाएगा यह नहीं कहा जा सकता।

सिविल अस्पताल सेंवढ़ा में चिकित्सकों के 9 पद है। पर इनमें 7 पद खाली है। गत वर्ष जुलाई माह में सेंवढ़ा सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को लेकर जनजागरण मंच के तत्वाधान में लोगों ने लंबे समय तक आंदोलन किया। इसके बाद डाॅ. नवीन नागर एवं डाॅ. केके अमरइया को दतिया जिला चिकित्सालय में से सेंवढ़ा स्थानांतरित करने का प्रस्ताव तत्कालीन कलेक्टर बीएस जामोद ने शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव के साथ क्षेत्रीय विधायक घनश्याम सिंह ने भी काफी प्रयास किया और दोनों ही डाॅक्टर सेंवढ़ा पदस्थ हो गए। इस प्रकार यहां दो चिकित्सकों की नियमित पदस्थापना हो गई थी।

एक सैंकड़ा से अधिक डाॅक्टर हैं दतिया जिला मुख्यालय में, सेंवढ़ा में मरीज परेशान
एक तरफ सेंवढ़ा तहसील को एक मात्र डाॅक्टर के भरोसे छोड़ दिया गया है, तो दूसरी ओर दतिया जिला मुख्यालय पर सौ से अधिक डाक्टर हैं। ऐसे में सेंवढ़ा की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल और उसको लेकर प्रशासन की उदासीनता आसानी से समझा जा सकता है। इस मुद्दे को लेकर पहले जनजागरण मंच द्वारा आंदोलन किया गया था। एक बार फिर लोगों का आक्रोश आंदोलन की वजह बन सकता है। जनजागरण मंच द्वारा चिकित्सकों के खाली पड़े 7 पदों को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजा है।

पत्र में उल्लेख किया गया कि गत वर्ष एक माह तक चले आंदोलन के बाद डाॅ. नागर की पदस्थापना हुई। बावजूद सेंवढ़ा में चिकित्सकों के 7 पद रिक्त रहे। पर लोगों ने कमी के बावजूद दो चिकित्सकों से काम चलाया, पर डाॅ. नागर का स्थानांतरण कर एक बार फिर सेंवढ़ा के साथ अन्याय किया गया है। पत्र में चिकित्सकों के खाली पड़े सभी 7 पद तत्काल भरने तथा ऐसा नहीं करने पर जन आंदोलन करने की चेतावनी दी गई।

आदेश के बाद 24 घंटे में हुई रिलीविंग
सन के इस आदेश को खुद स्वास्थ्य विभाग ने कितनी जल्दी अमलीजामा पहनाया यह भी दिलचस्प है। सबसे पहले 25 सितम्बर 2020 को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश शासन द्वारा डाॅ. केके अमरइया को सेंवढ़ा से दतिया स्थानांतरित किया। विभाग ने 25 सितंबर के इस आदेश का पालन 25 को ही कर दिया और दोपहर में डाॅ. अमरइया को सेंवढ़ा से रिलीव कर दिया। यानि आदेश की ऑनलाइन काॅपी के आधार पर दो तीन घंटे में यह सब हो गया। इसी प्रकार 22 दिसंबर को डाॅ. नवीन नागर का स्थानांतरण विभाग ने किया, तो 24 घंटे के अंदर 23 को उन्हें भी रिलीव कर दिया गया।

एक डॉक्टर के भरोसे सेंवढ़ा
सौ से अधिक ग्राम एवं नगरीय क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ प्रतिदिन की एमएलसी, पीएम एवं इमरजेंसी के संचालन के लिए सेंवढ़ा सिविल अस्पताल के पास डाक्टरों का टोटा फिर से लोगों के गुस्से की वजह बन रहा है। यहां डा नरेंद्र शर्मा के रूप में इकलौते चिकित्सक है जिनके पास स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के साथ समस्त प्रशासनिक कार्य और योजनाओं के संचालन की भी जिम्मेदारी है। हालांकि एक अन्य चिकित्सक डा सोनू शर्मा फिलहाल अनुबंध की अस्थाई व्यवस्था के तौर पर तैनात है। पर 24 घंटे की स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन एक बड़ी चुनौति है। जिसका नतीजा आने वाले दिनों में लोगों को भुगतना पड़ सकता है।

आदेश का पालन किया है
^डाॅ. नवीन नागर का स्थानांतरण हो गया था। उन्हें रिलीव कर आदेश का पालन किया गया है। सेंवढ़ा में भी एक डाक्टर को भेजा जा रहा है। जैसे ही वह जिले में आएंगे सेंवढ़ा भेज दिया जाएगा।
डाॅ. एसएन उदयपुरिया, सीएमएचओ दतिया



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Second doctor also relieved in four months, patients of Sevdha hospital again


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