शिक्षक ने स्वयं शुरू की सड़क की मरम्मत
छोटे-छोटे गांव को जनपद व तहसील मुख्यालय पर जोड़ा जा रहा है, ताकि लोगों को आवागमन में सुविधा हो, लेकिन जबेरा जनपद के सुरई ग्राम आज भी पक्की सड़क से वंचित है। ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासन को सड़क बनवाने के लिए आवेन सौंपे जा चुके हैं। इसके बावजूद भी गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे।
ग्रामवासियों का दर्द जब गांव के ही शिक्षक हरिचरन तिवारी से नही देखा गया तो उन्होंने स्वयं आगे आकर अपनी ओर से ट्रेक्टर ट्राॅली ओर मजदूर लगाकर मुरम डलवाकर रास्ते की मरम्म्त कराना शुरू कर दिया है।
शिक्षक हरिचरण तिवारी ने बताया कि यदि शासन चाहे तो उनके वेतन से मासिक रूप से एक निश्चित राशि की कटौती कर ले लेकिन यह सड़क आवश्यक रूप से बना दे। ताकि लोगों को आने-जाने में परेशान न हो। ग्रामीण महेश ठाकुर, धर्मेंद्र ठाकुर, सत्येंद्र ठाकुर, अजेंद्र सिंह ठाकुर, इंद्रजीत ठाकुर, ओंकार तिवारी ने बताया कि हमारे गांव में पक्की सड़क न होने की वजह से लोगों को बारह माह परेशानी होती है।
सबसे ज्यादा मुसीबत बारिश के मौसम में होती है, जब कोई वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाता। ऐसी स्थिति में गांव में यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए या फिर की महिला की डिलेवरी होना है तो गांव की पक्की सड़क तक पहुंचाने में खाट पर लेटाकर जाना पड़ता है, इस बीच कई बार देरी की वजह से लोगों की जान पर भी बन आती है। उन्होंने कहा कि हम लोग कई बार इस संबंध में सीएम हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर, एसडीएम से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस है।
हालही में गांव के शिक्षक हरिचरण तिवारी ने स्वयं आगे आकर स्वयं के वेतन से राशि खर्च कर सड़क की मरम्मत शुरू कर दी है। जिससे अब लोगों को काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि शिक्षक द्वारा केवल एक बार नहीं, बल्कि इसके पहले दो बार स्वयं की राशि से सड़क की मरम्मत कराई जा चुकी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र ही गांव तक पक्की सड़क बनाई जाए।
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