एटीएम कार्ड नहीं फिर भी बैंक खाते से एटीएम के जरिए निकाले 19 हजार रुपए

एटीएम कार्ड बदलकर व उसका क्लोन बनाकर ठगी का तरीका पुराना हो गया है। अब ठग लोगों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ठग रहे हैं। बैंक, पुलिस व सायबर प्लेटफॉर्म पर जागरुकता के तमाम संदेश के बाद भी जिले में 3 महीने में 250 से अधिक ऑनलाइन फ्रॉड के केस हुए हैं, इनमें से पुलिस ने सिर्फ 10 प्रतिशत केस ही रजिस्टर्ड किए, जबकि 20 प्रतिशत केस में बैंक भी उपभोक्ताओं की किसी तरह की मदद नहीं कर सकी। हाल ही में ठगी के कई मामले सामने आए हैं।

एक बैंक उपभोक्ता के पास तो एटीएम ही नहीं है फिर भी उसके एसबीआई खाते से दो बार में 9500-9500 रुपए बिहार के गोपालगंज में ठगों ने विड्रॉल कर लिए। इसी प्रकार मोबाइल गेमिंग एप की लिंक व एफबी मैसेंजर के माध्यम से 6 महीने में 5.40 लाख रुपए से अधिक की ठगी के भी मामले हैं। जानकारी के अनुसार मनोज कुमार अग्रवाल निवासी पुरानी चुंगी नाका रोड गोपालपुरा का एसबीआई ब्रांच राधिका पैलेस में पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट है।

बकौल मनोज कुमार, उनके खाते पर एटीएम इश्यू ही नहीं है। 8 जनवरी की सुबह उसके मोबाइल पर 9500-9500 रुपए दो बार में निकाले जाने का मैसेज आया। मनोज कुमार बैंक पहुंचे और खाता होल्ड कराकर जब बैंक से जानकारी निकलवाई तो उसके अकाउंट से 9500-9500 रुपए बिहार के गोपालगंज में एटीएम से निकाले जाना पाया गया। इस जानकारी से बैंक प्रबंधन भी हैरान रह गया।

गंभीर बात यह है कि एसबीआई ने ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए 10 हजार तक के ट्रांजेक्शन के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजने का सिस्टम शुरू किया है, तब एटीएम से रुपए निकालने की प्रक्रिया पूरी होगी। इसलिए ठगों ने 10 हजार न निकालते हुए 9500-9500 रुपए के ट्रांजेक्शन कर लिए, ताकि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आने का झंझट ही नहीं रहे।

इन 3 उदाहरण से जानिए कैसे लोगों को शिकार बना रहे ठग

1. भूमिया रोड पर रहने वाले पूरन श्रीवास ने थाने में आवेदन दिया है कि उनका खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाखा मुरैना तिराहा अंबाह में है। उन पर एटीएम कार्ड भी है। इस खाते से पोरसा रोड स्थित एटीएम से 20 हजार रुपए किसी अज्ञात व्यक्ति ने निकाल लिए जबकि एटीएम कार्ड उनके ही पास था।

2. पीजी कालेज के पास महाराजपुरा रोड निवासी बंटी पुत्र वीरेंद्र गौड़ के पीएनबी खाते से अज्ञात ठगों ने रविवार की शाम 7 बजे एटीएम कार्ड से 25 हजार रुपए निकाल लिए जबकि बंटी का एटीएम घर की अलमारी में रखा हुआ था। ठगों ने 10-10 हजार रुपए दो बार तथा 5 हजार रुपए तीसरी बार में निकाले।

3. पोरसा कस्बे के हनुमान गली गांधी नगर निवासी मनीष जैन नामक युवक से ऑनलाइन कार बेचने के नाम पर ठगों ने 1 लाख 21 हजार रुपए ऐंठ लिए। जब मनीष को ठगी का पता चला तो पोरसा थाने पर पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। ठगों ने इसके लिए आर्मी की फर्जी आईडी का उपयोग किया।

पोरसा में व्यवसायी के खाते से 2.4 लाख रुपए पार

पोरसा. कैलादेवी ट्रेडर्स के संचालित शिवम अग्रवाल का पंजाब नेशनल बैंक धर्मगढ़ में सेविंग व करंट खाता है। सेविंग खाते से शिवम व्यवसाय के संबंंध में दूसरी पार्टियों को आरटीजीएस करता रहता है। 29 दिसंबर को आरटीजीएस बंद होने की दशा में शिवम ने गूगल पर पीएनबी के टोल फ्री नंबर को सर्च किया तो दो मोबाइल नंबरों से उसकी फर्जी टोल फ्री नंबर पर बात हुई।

ठगों ने शिवम को उसके मोबाइल के मैसेज बॉक्स में एक लिंक भेजकर आरटीजीएस चालू कराने का आश्वासन दिया और खाते के संबंध में आवश्यक जानकारी कलेक्ट कर ली। ठगोंं ने एनी डेस्क नाम से एक एप डाउनलोड कराया और एप लोड होते ही ठगों ने व्यवसायी के खाते से एक-एक लाख करके दो लाख रुपए सेविंग खाते से व 4000 रुपए करंट खाते से पार कर दिए।

एफबी मैसेंजर पर मांगी मदद, फोन-पे में ट्रांसफर कराए 20 हजार रुपए

शहर के गणेशपुरा में रहने वाले अनूप सिंह के एफबी मैसेंजर पर राधामोहन तोमर नामक युवक की आईडी से अज्ञात ठग ने फर्जी आईडी तैयार की और मैसेंजर पर मदद के नाम पर 20 हजार रुपए मांगे। अनूप सिंह ने 20 हजार तो नहीं लेकिन 500 रुपए फोन-पे से ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने अपने मित्र राधामोहन तोमर से रुपए मिलने के बारे में पूछा तो उसने कहा कि मैने तो कोई मैसेज भेजा ही नहीं।

2500 रुपए क्रेडिट की लिंक पर क्लिक करते ही 7 हजार रुपए कटे

शहर के नंदे का पुरा रोड पर रहने वाले सुरेश शर्मा के मोबाइल ऑनलाइन फ्रॉड करने वाली गैंग ने एक लिंक भेजी, जिसमें कहा गया कि आपके खाते में 2500 रुपए क्रेडिट हो गए हैं। सुरेश ने जैसे ही इस लिंक पर क्लिक किया, उनके खाते से 7 हजार रुपए गायब हो गए। उन्होंने इस संबंध में बैंक व पुलिस थाने में भी आवेदन दिया लेकिन पुलिस आरोपियों को तलाशना तो दूर, यह भी पता नहीं लगा सकी, रकम किस अकाउंट में ट्रांसफर हुई है।

वीआईपी की फर्जी एफबी आईडी बनाकर ठगी कर रही गैंग

ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य वीआईपी जैसे पुलिस अफसर, सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के फेसबुक अकाउंट की हूबहू नकल कर पहले फर्जी आईडी बनाते हैं फिर उनकी फ्रेंडलिस्ट में शामिल लोगों को परेशानी या मुसीबत में होने के नाम पर लोगों से रुपए की डिमांड कर चुके हैं। अभी तक सैकड़ों लोगों से लाखों रुपए की ठगी यह लोग कर चुके हैं।

लोग एहतियात बरतें, बच्चों से भी शेयर न करें पासवर्ड

एटीएम कार्ड बदलकर अथवा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ठगी के मामले सिरदर्द बन गए हैं। इसमें सबसे पहली जिम्मेदारी उपभोक्ता की है। वे अपन पासवर्ड, बैंक अकाउंट की जानकारी या ओटीपी बच्चों से भी शेयर न करें। हमने 3 महीने में ठगी करने वाली 3 गैंग पकड़ी हैं।

-अनुराग सुजानियां, एसपी मुरैना



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मोबाइल पर ठगों द्वारा भेजी गई खाते में रुपए ट्रांसफर करने की लिंक दिखाता होटल मालिक।


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