आईसीयू खाली, फिर भी दिसंबर दूसरा सबसे ज्यादा मौत वाला महीना

शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। अधिकतर कोविड अस्पतालों के आईसीयू खाली पड़े हैं। बावजूद इसके दिसंबर सबसे अधिक मौत वाला दूसरा महीना रहा है। कोरोना काल में सितंबर में सबसे ज्यादा 174 मौत दर्ज की गई थी। इसके बाद दिसंबर में 114 मौत हुई है।
जनवरी के चार दिनों में ही 15 लोगों की मौत हो चुकी है। डॉक्टर्स का कहना है मरने में वालों अधिकतर कोमॉर्बिडिटी वाले हैं। इनमें भी बड़ी तादात उनकी है, जो देर से अस्पताल पहुंचे हैं। 3 दिसंबर को एक दिन में मरीजों की संख्या 526 थी, लेकिन सोमवार को घटकर यह आंकड़ा 143 पर आ गया। संक्रमण में कमी से राहत देने वाली है, लेकिन मृत्यु का आंकड़ा चिंताजनक है।

मृत्युदर 0.9 फीसदी ही
डॉक्टर्स का दावा है कि मृत्युदर अभी भी 0.9 यानी एक फीसदी से कम है। कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार का कहना है कि संक्रमण की दर कम हुई है, लेकिन बीमारी की मार को-मॉर्बिड मरीजों पर ज्यादा घातक हो रही है। अभी ऐसे ही मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
गंभीर स्थित तक पहुंचा फेफड़ों में संक्रमण, तब जाकर पता चला
संक्रमण इतना बढ़ा कि रिकवर नहीं कर पाए
53 वर्षीय हेमंत जैन एमटी क्लॉथ मार्केट और इमली बाजार व्यापारी एसो. से जुड़े रहे। कोरोना संक्रमण के कारण फेफड़े काफी हद तक डेमेज हो गए। स्थिति यह हुई कि एक बार भर्ती हुए तो रिकवर नहीं कर पाए।
भर्ती हुए तब पता चला 63% खराब हुए लंग्स
मेहुल गांधी : खेल और संगीत संगठनों से जुड़े 61 वर्षीय गांधी की तीन दिन पहले कोरोना से ही मृत्यु हो गई। वे 20 दिसंबर तक भी ठीक थे, लेकिन अचानक ही एडमिट हुए और उनके लंग्स भी 63% तक डेमेज हो गए थे।
ज्यादातर मरीज बिगड़ी हालत में आ रहे
जितने केस सामने आ रहे हैं, वे बिगड़ी हालत में आ रहे हैं। मरीज कम होने पर भी बीमारी की गंभीरता जस की तस है।
-डॉ. रवि डोसी, अरबिंदो अस्पताल
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nekLXp
0 Comment to "आईसीयू खाली, फिर भी दिसंबर दूसरा सबसे ज्यादा मौत वाला महीना"
Post a Comment