पहली बार डिजिटल राष्ट्रीय व्यंग्य महोत्सव, देशभर के व्यंग्यकारों ने की सहभागिता

लॉकडाउन के बीच कलाकारों के बाद अब व्यंग्यकारों ने भी डिजिटल प्लेटफार्म को अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करने का माध्यम बनाया है। पहली बार डिजिटल राष्ट्रीय व्यंग्य महोत्सव के रूप में इसकी शुरुआत हुई है। जिसमें देशभर के 93 व्यंग्यकारों ने सहभागिता की और 35 ने व्यंग्य पाठ किया।
व्यंग्य लेखक समिति (वलेस) ने 93 व्यंग्यकारों को मोबाइल पर जोड़कर यह 10 दिनी डिजिटल राष्ट्रीय महोत्सव किया। इसका संयोजन एवं समन्वय उज्जैन के वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. पिलकेंद्र अरोरा, डॉ. हरीश कुमार सिंह
और शांतिलाल जैन ने किया। महोत्सव में प्रतिदिन 3 से 4 व्यंग्यकारों ने रचनापाठ का वीडियो अपलोड किया।
दो किलो आलू, चार दयालु नहीं चलेगा
डिजिटल महोत्सव में रायपुर के राजशेखर चौबे ने वर्तमान संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित तबके की खबर लेते हुए कोरोना संकट में अभागे भाई का पत्र पढ़ते हुए कहा आशा है भैया आप भी हमारी तरह बदहाल होंगे। हमें दिन में एक वक्त का भोजन मिल जाता है, कभी कभी दो टाइम का भी। हमारी तरह अमीर घर के बच्चे भी परेशान हैं, क्योंकि उन्हें भी पिज्जा, बर्गर, चाउमीन नहीं मिल पा रहा है। चार दानदाता भी आए थे, दो किलो आलू लेकर। हमने कह दिया कि दो किलो आलू और चार दयालु नहीं चलेगा। अब होना चाहिए चार दयालु, आठ किलो आलू।
मप्र, महाराष्ट्र, उप्र, छग, कर्नाटक के व्यंग्यकारों ने की सहभागिता
महोत्सव में निर्मल गुप्त (मेरठ), धर्मपाल जैन (टोरंटो), शशांक भारतीय, शशांक दुबे (मुंबई), अरविंद तिवारी (शिकोहाबाद), नीरज शर्मा (बिजनौर), मीना अरोरा (हल्दवानी), समीक्षा तेलंग (पुणे), कमलेश पांडे, अर्चना चतुर्वेदी, अनीता यादव, शशि पांडे (नईदिल्ली), वीना सिंह, इंद्रजीत, अलंकार रस्तोगी (लखनऊ), अरुण खरे (बंगलुरु), बीएल आच्छा (चेन्नई), शरद उपाध्याय (कोटा), मोहन मोर्य (अलवर), राजशेखर चौबे (रायपुर), जयप्रकाश पांडेय, विवेक रंजन (जबलपुर), शांतिलाल जैन, वीजी श्रीवास्तव, मलय जैन, साधना बलवटे, सुदर्शन सोनी (भोपाल), कैलाश मंडलेकर (खंडवा), जवाहर चौधरी, ब्रजेश कानूनगो, मृदुल कश्यप (इंदौर), मुकेश राठौर (खरगोन), डॉ. पिलकेंद्र अरोरा, डॉ. हरीश कुमार सिंह, राजेंद्र देवधरे (उज्जैन) ने सहभागिता करते हुए व्यंग्य पाठ किया। इसमें वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने दो बार व्यंग्यकारों को ऑडियो क्लिप द्वारा मार्गदर्शन दिया। समापन में श्रेष्ठ रचना, श्रेष्ठ वीडियो आदि की घोषणा की गई और विजेताओं को मोबाइल पर ही डिजिटल ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
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