मुक्तिधामकर्मी करवा रहे साेरनी, परिजन बाेलेे ताे फूल सहेज रहे

काेराेना व लाॅकडाउन का असर मुक्तिधाम में हाेने वाले अंतिम संस्कार पर भी पड़ रहा है। यहां पर कई अंतिम संस्कार की प्रक्रिया मुक्तिधाम समिति अपने कर्मचारियों से करवा रही है। इसके अलावा साेरनी की प्रक्रिया काे भी कर्मचारी ही पूरा कर रहे हैं। काेराेना की शुरुआत से लेकर अब तक मुक्तिधाम में 50 से ज्यादा अंतिम संस्कार हाे चुके हैं। इनमें पांच के करीब अंतिम संस्कार मुक्तिधाम समिति ने पूरे किए हैं। वहीं साेरनी का काम भी उन्हीं के द्वारा करवाया जा रहा है। इसके लिए समिति ने मृतकाें के परिजन से शुल्क जरूर लिया है।
मुक्तिधाम समिति के मनीष शर्मा ने बताया अब तक मुक्तिधाम में 50 के करीब अंत्येष्टी हाे चुकी है, वहीं इनमें से पांच लाेग प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद अस्थियां विसर्जन के लिए ले जा चुके हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी काेराेना संदिग्ध मरीजाें की माैत पर अंतिम संस्कार में हाे रही है। इसमें परिजन के क्वारेंटाइन हाेने पर वह अंतिम संस्कार करने नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके चलते समिति के लाेग कर्मचारियाें के माध्यम से उनका अंतिम संस्कार पूरा करवा रहे हैं। इसके अलावा तीसरे की साेरनी का काम भी कर्मचारी ही कर रहे हैं। इसमें जाे परिजन बाेल रहे हैं कि उनके लिए अस्थियां व फूल सहेजकर रखी जाए, ताे उनके फूल काे सहेजकर रखा जा रहा है। इसके अलावा जाे नहीं बाेल रहा और ना साेरनी करने के लिए आ रहा है ताे उसके फूलाें का विसर्जन पास ही गुजरखेड़ा की आकाशगंगा नदी पर किया जा रहा है। इसके लिए समिति निर्धारित शुल्क जरूर ले रही है।

पांच काे अनुमति मिली,ताे ले गए अस्थियां...

मुक्तिधाम में लाॅकडाउन शुरू हाेने से लेकर अब तक 50 लाेगाें की अंत्येष्टि हुई है। लाॅकडाउन के चलते परिजन अस्थियां विसर्जन नहीं कर पा रहे थे, जिसके चलते उनकी अस्थियां यहां मुक्तिधाम में ही रखी हुई थीं। अब पांच लाेगाें काे प्रशासन से अस्थियां विसर्जन की अनुमति मिली। इसके बाद वह अपने परिजन की अस्थियां ले गए हैं। वहीं तीन परिवाराें की अस्थियाें का विसर्जन गुजरखेड़ा नदी में परिजन के नहीं आने पर किया है।



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Liberation workers are getting sirens, family members are saving flowers


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