कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ उसकी पत्नी और चार बच्चों को कर दिया भर्ती, जबकि परिजन अभी संक्रमित नहीं

कोरोना वायरस के संक्रमण ने भिंड जिले में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। यह संक्रमण अब स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की लापरवाही से फैलता नजर आ रहा है। जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज को बेहतर उपचार तो दूर लेटने के लिए पलंग तक नसीब नहीं हो रहे हैं। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब कोरोना संक्रमित मरीजों के वार्ड में ही उन संदिग्धों को भी रख दिया जिनकी अभी रिपोर्ट ही नहीं आई है। इससे कोरोना संक्रमण घटने के बजाए बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।
यहां बता दें कि ग्रीन जोन में चल रहे भिंड जिले में लगातार हॉट स्पॉट क्षेत्रों से आ रहे लोगों के साथ कोरोना वायरस ने भिंड में 8 मई, शुक्रवार को अपनी आमद दर्ज कराई। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ना शुरू हो गई। सोमवार की शाम तक जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या आठ पर पहुंच गई थी। जबकि जिला अस्पताल में संक्रमित मरीजों को बेहतर उपचार के बजाए जिला अस्पताल प्रबंधन उन्हें पलंग भी नसीब नहीं करा पा रहा है। कोरोना संक्रमित मिले दिवियापुरा नयागांव निवासी मनोज पुत्र राजाप्रसाद को उसकी पत्नी और चार बच्चों सहित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। मनोज के मुताबिक अस्पताल में उसे एक पलंग दिया गया है, जिस पर उसकी एक पत्नी और चार बच्चे लेटते हैं। वहीं कोरोना संक्रमित मनोज स्वयं जमीन पर सोने को मजबूर है। मनोज के मुताबिक सोमवार की सुबह इस वार्ड में 10 से ज्यादा लोग भर्ती हैं।
बेटी का तापमान अधिक आने पर पिता का लिया था सैंपल
बताया जा रहा है कि मनोज अपने परिवार के साथ गुजरात के अहमदाबाद से 8 मई को भिंड आया था। जिला अस्पताल में जब वह परिवार के साथ स्क्रीनिंग कराने पहुंचा। जहां छोटी बेटी का तापमान अधिक होने पर उसका सैंपल जांच के लिए लिया गया। साथ ही उसे अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। उसके साथ ही उसके बच्चों को भी इसी वार्ड में ठहरा दिया गया। हालांकि इस संबंध में जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. अवधेश सोनी के मुताबिक परिवार के सभी सदस्यों के सैंपल लिए गए हैं।
रोहित (21) पुत्र होम सिंह निवासी धरई, भिंड
यह राजस्थान के पाली से 2 मई को भिंड आए थे। बस में खचाखच सवारियां भरी हुई थी। रोहित के अनुसार बस में करीब 70-80 सवारियां बैठी हुई थीं। वह सीधे अपने घर पहुंचा। 8 मई को जब उसे पेट दर्द हुआ तो वह जिला अस्पताल में उपचार के लिए आया। जहां उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। रोहित के अनुसार उसे कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं है।
दिलीप पुत्र तहसीलदार दिवियापुरा, नयागांव
जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. अवधेश सोनी के मुताबिक दिलीप काेलकाता से भिंड आया और सीधे अपने गांव गया। कुछ दिन घर पर रहा। इसके बाद जब पेट दर्द हुआ तो वह भी उपचार के लिए जिला अस्पताल आया। जहां उसकी ट्रेवल हिस्ट्री जानने के बाद उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया। इसी गांव का मनोज पहले ही कोरोना पॉजिटिव आ चुका है।
सोनू (21) पुत्र रविंद्र लाला का पुरा, ऊमरी
सोनू भोपाल में मार्केटिंग की नौकरी करता है। 7 मई की शाम वह भोपाल से भिंड के लिए ट्रक में बैठा। ट्रक चालक ने उसे ग्वालियर बायपास पर उतार दिया। जहां से वह अपने भाई के साथ बाइक से भिंड आया। इसके बाद उसने घर जाने से पहले जिला अस्पताल में अपनी स्क्रीनिंग कराई। यहां उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। जिसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है।
श्यामसुंदर (28) पुत्र दिनेश निवासी परा, अटेर
श्यामसुंदर गुजरात के बनासपाठ से अपने छोटे भाई सौरभ के साथ 8 मई को बाइक से भिंड आया था। ये दोनों लोग जिला अस्पताल में स्वेच्छा से चेकअप कराने पहुंचे। जहां श्यामसुंदर के संदिग्ध प्रतीत होने पर सैंपल लिया गया। जबकि सौरभ को होम क्वारेंटाइन के लिए भेज दिया गया था। यहां से वह अपने किसी रिश्तेदार के साथ अपने परा गांव पहुंचे।
38 के लिए सैंपल, आठ की आई रिपोर्ट
सोमवार को जिले में 38 लोगों के सैंपल जांच के लिए गए, जिसमें अब तक कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों के संपर्क में आए लोगों के साथ बाहर से आने वालों के भी रेंडम सैंपल लिए गए। इसके अलावा देर शाम करीब 7.30 बजे आठ लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आ गई, जिसमें 4 पॉजीटिव और चार निगेटिव आई हैं।
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