1929 परिवारों को दूसरे साल भी टीन और तिरपाल में गुजारना होगी बारिश

जिले में मानसून की दस्तक हो गई है, लेकिन पीएम आवास योजना के अधूरे पड़े आवास कंपलीट नहीं हो पाए हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी उन हितग्राहियों की है, जिन्होंने अपने कच्चे घर तो तोड़ लिए, लेकिन अब तक उन्हें पूरी किस्त नहीं मिल पाई हैं।
इनमें कई हितग्राही ऐसे हैं जिनकी पहली और दूसरी किस्त आ चुकी है, लेकिन तीसरी किस्त खाते मंे नहीं आई है। उनके भवन के पिलर और दीवारें कंपलीट हो गईं हैं, लेकिन छत नहीं ढक पाई है। शहर में ऐसे हितग्राहियों की संख्या 1929 है। इसे अधिकारियों की लापरवाही कहें या अनदेखी, लेकिन उनकी वजह से जिले के हितग्राहियों को दूसरी बारिश भी टीनशेड व तिरपाल के बीच गुजारना होगी। क्योंकि उनके भवन कंपलीट नहीं हो पाए हैं। बीते सप्ताह ही धरमपुरा वार्ड एवं बजरिया वार्ड नंबर 6 के लोगों ने धरमपुरा नाका पर तीन घंटे तक धरना देकर चकाजाम किया था।

बाद में एसडीएम व सीएमओ ने आश्वासन दिया था कि तीन दिन में आकर घर-घर सर्वे करेंगे, लेकिन उसके बाद न तो सर्वे हुआ और न ही कोई किश्त आ पाई। गौरतलब है कि शहर के 39 वार्डों में कुल 5623 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 4334 हितग्राहियों के लिए किश्त जारी जारी हो चुकी हैं। वहीं 2939 आवास ऐसे हैं, जिनकी तीसरी अर्थात अंतिम किस्त बकाया है। इनमें से 1010 आवास कंपलीट हो चुके हैं, जबकि 1929 आवास ऐसे हैं, जिनकी केवल 50 हजार रूपए की अंतिम किस्त बकाया है, लेकिन दो डेढ़ साल से किश्त नहीं मिली है। शहर के लगभग हर वार्डों में ऐसे सैकड़ों आवास हैं, जिनकी दीवारें तो खड़ी हैं, लेकिन किश्त न मिलने के कारण छत नहीं बन पाई है। ये हितग्राही अपने अधूरे घरों के ऊपर तिरपाल लगाकर तो कोई लोहे की टीन रखकर रात गुजार रहा है।

1. शहर के पुराना बाजार 2 निवासी एके चिश्ती ने बताया कि वर्ष 2017 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ था। दो लाख रूपए किस्त मिल गई, लेकिन आखिरी किस्त दो साल से नहीं मिली है। वहीं शरीफ खान ने बताया कि उन्हें मकान बनाने का प्रमाण पत्र दे दिया गया, लेकिन अब तक खाते में एक रूपए भी राशि नहीं आई। मंगलवार को एक घंटे से कार्यालय के बाहर खड़े हैं, लेकिन यहां कोई नहीं आया।
2. शहर के सिविल वार्ड नंबर छह निवासी गोपी रैकवार ने बताया कि जैसे-तैसे टीनशेड व तिरपाल लगाकर गर्मी काटी, अब आखिरी किस्त न मिलने से बारिश में दूसरी साल टीनशेड लगाकर गुजारनी पड़ रही है।
3. धरमपुरा बजरिया वार्ड निवासी मूल्थू आदिवासी, ताराबाई अहिरवार ने बताया कि मैंने अपने अपना पुरान मकान गिरवाकर पीएम आवास बनवाया था। जैसे-तैसे दीवारें खड़ी हुईं, लेकिन आखिरी किश्त न मिलने के कारण छज्जा के उपर के लोहे का टीन डालकर समय गुजार रहे हैं।
शासन से जैसे-जैसे राशि आती जा रही है, वैसे-वैसे हितग्राहियों के खातों में राशि डाली जा रही है। जैसे ही उपर से राशि आती है, तो सभी को किश्तें जारी कर दी जाएंगी।

- कपिल खरे, सीएमओ

इधर... सरकारी भवन भी रिस रहे, गिर रहा प्लास्टर
शहर के शासकीय आवास भी जर्जर हो गए हैं। जिनकी सालों से मरम्मत न होने से किसी भवन की छत से प्लास्टर उखड़कर गिर रहा है तो किसी भवन से पानी रिस रहा है। पिछले दिनों आफीसर कॉलोनी स्थित जी-4 आवास में छत की प्लास्टर का मलवा गिर गया था। इस संबंध में अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा के जिला संयोजक राकेश सिंह हजारी ने बताया कि उन्होंने जर्जर भवनों के संबंध में पीडब्ल्यूडी के ईई को शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।




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1929 Families to spend rain for second year in Teen and Tarpaul


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