उज्जैन में 21 जून को सुबह 11.52 बजे 74.3 फीसदी सूर्य ढंक जाएगा सूर्य क्रांति के कारण दोपहर 12.28 बजे परछाई भी गायब हो जाएगी

21 जून को एक साथ दो खगोलीय घटनाएं होंगी। कंकणाकृति (वलयाकार) सूर्यग्रहण होगा लेकिन प्रदेश में आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखेगा। इसी दिन सूर्य क्रांति के कारण सूर्य की किरणें लंबवत होने से दोपहर 12.28 बजे कुछ क्षण के लिए परछाई गायब हो जाएगी। इस दिन से सूर्य की दक्षिणायन यात्रा शुरू होगी। कंकणाकृति सूर्यग्रहण होने के बावजूद मध्यप्रदेश में सूर्य का आंशिक ग्रहण ही दिखेगा। उज्जैन की स्थिति में सूर्य केवल 74.3 प्रतिशत ही ढंकेगा। जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त के अनुसार ग्रहण सुबह 9.16 बजे शुरू होगा, दोपहर 12.10 बजे मध्य स्थिति होगी तथा 3.4 बजे समाप्त होगा। पूर्णता की स्थिति में सूर्य 98.6 फीसदी ढंक जाएगा। यह स्थिति 1.17 मिनट रहेगी। कंकणाकृति में इसे कुरुक्षेत्र, चमोली, देहरादून, जोशी मठ, सिरसा, सूरतगढ़ में देखा जा सकेगा। उज्जैन में ग्रहण सुबह 10.10 बजे शुरू होगा। 11.52 बजे मध्य स्थिति रहेगी तथा दोपहर 1.42 बजे समाप्त होगा। 3.31 घंटे का ग्रहण रहेगा। उज्जैन में सूर्य 74.3 फीसदी ढंकेगा। यही स्थिति मप्र में रहेगी। यानी प्रदेश में कंकणाकृति नहीं आंशिक सूर्यग्रहण ही दिखेगा। कोरोना संक्रमण के चलते वेधशाला में आम नागरिकों को ग्रहण दिखाने की अनुमति नहीं है।
ऐसे देख सकते हैं सूर्यग्रहण
सूर्य को पिन होल के जरिए छाया वाली दीवार पर प्रक्षेपित करें। >प्रमाणित फिल्टर से ही देखें। >वेल्डिंग ग्लास से भी ग्रहण देखा जा सकता है। >ग्रहण को केवल एक आंख से ही देखें।
नॉलेज- एक साल में 7 ग्रहण
18 साल 18 दिन में 41 सूर्यग्रहण व 29 चंद्र ग्रहण होते हैं। > 1 साल में 5 सूर्य व 2 चंद्रग्रहण हो सकते हैं। > सूर्यग्रहण पृथ्वी के 10 हजार किमी लंबे और 250 किमी चौड़े क्षेत्र में ही देखे जा सकते हैं।
13.34 घंटे का सबसे बड़ा दिन, 10.26 घंटे की रात
21 तारीख को साल का सबसे बड़ा दिन 13.34 घंटे का और रात सबसे छोटी 10.26 घंटे की होगी। सूर्य क्रांति से सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर जाएगा। इस यात्रा में दोपहर 12.28 बजे ऐसी स्थिति आएगी जब किरणें एकदम लंबवत होने से किसी भी चीज की परछाई कुछ क्षण के लिए नहीं दिखेगी। वेधशाला में शंकु यंत्र पर इसे देखा जाता है। सूर्य की दक्षिणायन यात्रा शुरू हो जाने से 22 जून से दिन छोटे होते जाएंगे तथा रात बड़ी होगी। 23 सितंबर वह दिन होगा जब दिन और रात बराबर अवधि के होंगे।
छाया गुम होते देखने के लिए घर में बनाओ यंत्र
21 जून को दोपहर 12.28 बजे आपकी छाया भी साथ छोड़ देगी। डॉ. गुप्त ने नागरिकों को घर में ही शंकु यंत्र बनाने का सुझाव दिया है। घर में बनाए यंत्र पर इसे देख सकते हैं। डॉ. गुप्त ने बताया एक प्लाइवुड या मोटा गत्ता लें। उसके बीच में कील ठोक दें। कील सीधी लंबवत होना चाहिए। जमीन पर टिकने वाला हिस्सा भी समतल होना चाहिए ताकि वह इधर-उधर झुके नहीं। इसे धूप में रखें। कील की छाया प्लाइवुड पर दिखाई देगी। धीरे-धीरे छाया छोटी होती जाएगी।
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