आषाढ़ मास की अमावस्या पर 21 जून को सूर्य ग्रहण, दोपहर तक रहेगा सूतक
आषाढ़ मास की अमावस्या 21 जून रविवार को सूर्य ग्रहण रहेगा। सूर्य ग्रहण भारत के साथ ही एशिया, अफ्रीका और यूरोप में दिखाई देगा। ग्रहण सुबह 10.18 बजे शुरू होगा तथा ग्रहण का मोक्ष 2.02 बजे होगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.18 बजे से शुरू हो जाएगा। पं. रोहित दुबे ने बताया कि ग्रहण और सूतक के समय में किसी भी तरह की पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। इस समय केवल मंत्र जाप करना चाहिए। रवि योग में चूड़ामणि ग्रहण होगा। ग्रहण से तीन ग्रह प्रभावित हो रहे हैं। राहु ग्रहण लगा रहा है, बुध सूर्य के साथ बैठा हुआ है और मंगल सूर्य को देख रहा है। पं. वासुदेव शास्त्री ने कहा कि ग्रहण के बाद मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर बिल्व पत्र और धतूरा अर्पित करें। शिवलिंग पर चंदन से तिलक करें। भगवान को मिठाई का भोग लगाएँ, दीपक जलाएँ और आरती करें। पूजा के बाद अन्य भक्तों को भी प्रसाद वितरित करें। जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घरों के बाहर निकलने से बचना चाहिए। इस दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं।
जिन लोगों की कुंडलियों में ग्रहण योग है यानी सूर्य के साथ राहु या केतु की युति या चंद्र के साथ राहु या केतु की युति हो, उन्हें ग्रहण के समय मंत्र जाप करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान 6 ग्रह वक्री, विनाशक योग
21 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान 6 ग्रह बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु वक्री होंगे। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पं. नाथूराम व्यास ने बताया कि यह विनाशक योग बना रहा है। इसके कारण राजनैतिक उथल-पुथल के साथ प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ जाएँगी। पं. व्यास ने बताया कि आने वाले दिनों में ट्रंप का ढुलमुल रवैया अमेरिका पर भारी पड़ेगा तथा चीन के साथ तनाव बढ़ेगा। फ्रांस में मुस्लिमों से संबंधित समस्याएँ होंगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए यह समय सावधानी का है। इंग्लैंण्ड की महारानी स्वस्थ्य संबंधी समस्याओं से घिर सकती हैं। उदीयमान नवमांश नई दिल्ली और वाशिंगटन को ताकत प्रदान करता है। चीन के साथ रिश्तों में तनाव रह सकता है क्योंकि दिल्ली और बीजिंग के बीच नवमांश विपरीत स्थिति में है।
सितंबर के बाद शांति की संभावना | पं. व्यास ने कहा कि अक्टूबर, नवंबर के आगे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। 22 सितंबर तक राहु मिथुन राशि में भ्रमण करेगा तब तक शांति की संभावना नहीं है। भारत इस कठिन दौर में अच्छी सफलता हासिल करेगा, विश्व में अपना प्रभाव बनाएगा। प्रधानमंत्री माेदी के निर्णयों की प्रशंसा होगी। कोरोना महामारी की दवा मिल जाएगी।पी-2
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