समर्थन मूल्य के भुगतान से कर्ज राशि काटी, पर ऋण के बजाय किसानों के बचत खातों में डाली

जिला सहकारी बैंक की सोसायटियों के 18 करोड़ रुपए फंस गए हैं। यह राशि किसानों से हुई कर्ज वसूली की है जो गेहूं के समर्थन मूल्य के भुगतान में से काटी गई थी। इसे सोसायटियों में खुले ऋण खातों के बजाय किसानों के ही दूसरे बैंकों के बचत खातों में जमा कर दी गई है। अब सोसायटियाें का स्टाफ घर-घर जाकर किसानों से बैंक खातों से रुपए निकालकर देने का आग्रह कर रही है।
सहकारी बैंक सीईओ आरके दुबे ने बताया जिले में 68 कराेड़ 58 लाख रुपए किसानाें से इस वर्ष कर्ज वसूली हुई है। कुछ किसानाें के दूसरे बैंक खाते में ऋण की राशि जमा हाे गई है, जाे वापस ली जा रही है। राशि नहीं लाैटाने वालाें को डिफाल्टर करेंगे।

जेआईटी पाेर्टल से डाले रु.
नागरिक आपूर्ति निगम के जेआईटी पाेर्टल (जस्ट इन टाइम) से जिले में 68 कराेड़ कर्ज की राशि डाली गई है, इनमें से 18 कराेड़ रुपए किसानाें के दूसरे खाताें में चले गए। नियमानुसार किसी भी खातेदार की बिना सहमति के यह राशि वापस नहीं हो सकती है। इसलिए खातेदारों से ही विड्राल कराना पड़ रहे हैं।
समिति प्रबंधकों को टेंशन
जासलपुर समिति प्रबंधक मर्दनसिंह राजपूत, सांगाखेड़ा समिति प्रबंधक हेमंत परसाई ने बताया समिति के ऋण लेने वाले कइ्र किसानाें के जिला सहकारी बैंक की जगह दूसरी बैंक में रुपए अाए हैं। अब वूसली के लिए किसानाें से संपर्क कर रहे हैं।

ऐसे हैं हाल : काेई भर रहे विड्राॅल फॉर्म, किसी ने नकद दिए रुपए

  • गाैरा के किसान लाेकेश पालीवाल के दूसरे बैंक के खाते में करीब 1 लाख 41 हजार रुपए अचानक अा गए। लाेकेश काे इस राशि की जानकारी ही नहीं थी। साेमवार काे सांगाखेड़ा समिति प्रबंधक को लाेकेश ने 1.41 लाख रुपए लाैटाने के लिए विड्राॅल भरवाया। उन्हाेंने बैंक काे राशि लाैटा दी।
  • बाबई के सिरवाड़ गांव के किसान संदीप व्यास ने बताया साेसायटी में गेहूं बेचा। उनके 40 हजार 100 रुपए ऋण के काटकर बाकी रुपए दे दिए गए। अब साेमवार काे सिरवाड़ साेसायटी के प्रबंधक बृजेश मीणा ने सहकारी बैंक के निकासी फाॅर्म भरवाया। सिरवाड़ के करीब 60 किसानाें से विड्राॅल फाॅर्म जमा करवाए हैं।
  • बाबई में केवल अांखमऊ समिति के सियालाल यादव के दूसरे खाते में राशि आई। पर्यवेक्षक बसंत दीक्षित ने बताया सियालाल यादव का भुगतान ऋण वाले खाते की बजाए अन्य बैंक के खाते में डाल दिया गया था जिसकी वसूली करना था तो किसान ने ऋण की राशि नगद जमा कर दी गई।

नया कर्ज चाहिए, समितियां बोली- पहले वो राशि दो
सहकारी समितियां किसानाें काे नया कर्ज देने के लिए दूसरे खाताें में डली राशि मांग रही हैं। किसानाें काे अब खाद-बीज की जरूरत है। किसानाें ने अगर राशि नहीं लाैटाई ताे सहकारी समितियाें से खाद-बीज नहीं मिलेंगे। वहीं खाते सीज कर किसानाें को डिफाल्टर घोषित किया जा सकता है। कई किसानाें काे दूसरे खाताें में आए एक्सट्रा रुपए की जानकारी ही नहीं है। किसानाें काे लग रहा है कि समितियाें ने दाे माह पहले ही राशि काट ली।

हाेशंगाबाद जिले में गेहूं खरीदी के भुगतान के 1723 कराेड़ रुपए के ईपीअाे जारी हुए हैं। इनमें से लगभग 7 कराेड़ रुपए के खाते में गड़बड़ी के चलते फेल हुए। इनके दाेबारा ईपीअाे जारी किए हैं। - दिलीप सक्सेना, डीएम नागरिक आपूर्ति निगम



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ND8GM9

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "समर्थन मूल्य के भुगतान से कर्ज राशि काटी, पर ऋण के बजाय किसानों के बचत खातों में डाली"

Post a Comment