10% बच्चों को ही मिला 4 माह का खाद्यान्न, स्कूल प्रबंधन ने कागजों में बताया 100 फीसदी

संक्रमण काल के दौरान स्कूलों में वितरण के लिए आया सूखा खाद्यान्न भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। अनाज को छात्रों में बांटने के बजाए कागजी कार्रवाई करके 100 प्रतिशत वितरण दिखाकर अनाज को गोलमाल करने का काम शाला प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। ऐसा ही एक वाक्या स्थानीय गर्ल्स स्कूल में देखने को मिला है, जहां के मिडिल विभाग में अध्ययनरत 365 छात्राओं को मार्च से जून महीने तक 4 माह का खाद्यान्न वितरण किया जाना था। जिसके तहत प्रत्येक छात्रा को 500 ग्राम गेहूं एवं 200 ग्राम चावल का वितरण किया जाना था।

शासन द्वारा समूह को प्रत्येक छात्रा के खाद्यान्न का आवंटन भी किया गया, लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के चलते उक्त खाद्यान्न वितरण सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह गया। स्कूल बंद और लॉकडाउन के चलते स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बहुत कम रही, बावजूद उसके स्थानीय गर्ल्स स्कूल के मिडिल विभाग में मार्च से जून तक के 4 महीनों का खाद्यान्न वितरण 100 प्रतिशत दिखाई जा रही है।

रजिस्टर में दिखाई 100 प्रतिशत उपस्थिति

स्कूल के वितरण रजिस्टर में कक्षा छठवीं से आठवीं तक की छात्राओं की 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्शाई गई है पर जिस रजिस्टर में बच्चों की उपस्थिति को दर्शाया गया है, उसमें सभी छात्राओं के हस्ताक्षर नहीं है। इस बारे में जब स्कूल में पढ़ने वाली कुछ छात्राओं से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि वह संक्रमण काल में स्कूल नहीं पहुंची ऐसे में उनका खाद्यान्न लेना असंभव है। वहीं कुछ अभिभावकों ने बताया कि बच्चे स्कूल पहुंचे थे पर उन्हें 4 महीने का अनाज नहीं दिया गया। जब मिडिल स्कूल प्रधान पाठक मधुलिका मसीह से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सभी बच्चों में 4 महीने का खाद्यान्न वितरण कर दिया गया है।

कोरोना संक्रमण के चलते छात्राओं से वितरण रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं लिए जा सके। जब बीआरसी जेपी रजक से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि संक्रमण काल के चलते बच्चे स्कूल कम आ रहे हैं, ऐसे में खाद्यान्न का वितरण के लिए परिवार के किसी सदस्य को फोन लगाकर सोशल डिस्टेंस में अनाज का वितरण किया जा सकता था। जिसकी जिम्मेदारी स्कूल के प्रधान पाठक की थी। अगर बच्चे शाला नहीं आ रहे थे तो उनके अनाज का पैकेट अलग बना कर रखना था, जब छात्राएं स्कूल आती उन्हें खाद्यान्न वितरण कर दिया जाता। पूरे ब्लॉक में खाद्यान्न वितरण की स्थिति 70 प्रतिशत के आसपास है। किसी भी स्कूल में 100 प्रतिशत खाद्यान्न वितरण होना असंभव है। अगर स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा किया गया है तो उसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

सख्त कार्रवाई की जाएगी

अभी तक इस प्रकार का मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है। आप से जानकारी मिली है, हम कल ही उसे चेक करवा लेते हैं। अगर बच्चों के खाद्यान्न वितरण में कोई गड़बड़ी हुई है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा
वंदना जाट, एसडीएम सोहागपुर।



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10% of the children got only 4 months of food grains, the school management said in the papers 100%


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