छह माह में 12 से ज्यादा भूमाफिया पकड़े, लेकिन दो से आठ साल पुराने चर्चित कत्ल नहीं सुलझा पाई पुलिस

लंबे समय से फरार एक दर्जन से ज्यादा भू-माफिया को क्राइम ब्रांच गिरफ्तार कर चुकी है। फरारी रिकॉर्ड लगभग जीरो हो गया है। क्राइम ब्रांच ने बदमाशों पर घोषित करीब चार लाख रुपए के इनाम भी अपने खाते में कर लिए हैं, लेकिन शहर में हुए छह से ज्यादा मर्डर आज भी अफसरों के लिए मिस्ट्री बने हुए हैं। इनमें दो से आठ साल पुराने मामले भी शामिल हैं।
सीखचाें में माफिया...बॉबी, सोनी, युवराज से लेकर डागरिया तक गिरफ्तार
- शहर के सबसे चर्चित 20 हजारके इनामी भू-माफिया बॉबी छाबड़ा को 17 फरवरी को मांगलिया से गिरफ्तार किया।
- 17 फरवरी को ही जमीन की धोखाधड़ी में लसूड़िया थाने से फरार 5-5 हजार के फरारी इनामी बदमाश आशु खान (31) पिता मोहम्मद इकबाल खान निवासी जूना रिसाला और रवि (32) पिता उमाशंकर यादव निवासी स्कीम 78 को पकड़ा।
- 25 फरवरी को गैंगस्टर युवराज उस्ताद को मुंबई से इंदौर आने पर एयरपोर्ट से पकड़ा। इस पर रासुका की कार्रवाई भी की।
- 11 जून को भू-माफिया हैप्पी धवन को उसके घर के अंदर अलमारी में छुपा होने के दौरान सर्चिंग में दबोचा। इस पर 30 हजार का इनाम था।
- 20 जून को 30 हजार के इनामी भू-माफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा को नेपाल बार्डर के पास लखनऊ से गिरफ्तार किया।
- 25 जून को जीतू सोनी के भाई महेंद्र सोनी को गुजरात के अमरेली से गिरफ्तार किया। ये जीतू सोनी के साथ पलासिया में माय होम होटल के अंतर्गत मानव तस्करी के प्रकरण में फरार था।
- 28 जून को क्राइम ब्रांच ने 1 लाख 60 हजार के इनामी माफिया जीतू सोनी को गिरफ्तार किया।
- 30 जून को भू-माफिया बॉबी छाबड़ा के भाई सतबीर सिंह छाबड़ा और मैनेजर संदीप रमानी को गिरफ्तार किया। इन दोनों पर भी 20 हजार का इनाम घोषित था।
- 30 जून को माफिया अभियान में फरार लिस्टेड गुंडे साजिद चंदन वाला को भी गिरफ्तार किया। 10 हजार का इनाम था।
- 16 जुलाई को भू-माफिया अरुण डागरिया पिता नेमीचंद डागरिया निवासी न्यू पलासिया थाना को दिल्ली में महिपालपुर इलाके की द रूम्स होटल से दबोचा। इस पर 30 हजार का इनाम था।
मर्डर मिस्ट्री... ठक्कर, डोसी और राजौरिया हत्याकांड अब भी पहेली
1. वर्ष 2012 ठक्कर दंपती हत्याकांड: स्कीम 114 में रहने वाले किरीट भाई ठक्कर और उनकी पत्नी वर्षा ठक्कर की घर में हत्या कर दी गई थी। उनके दोनों बेटे आज भी आरोपियों के पकड़े जाने के इंतजार में हैं।
2. वर्ष 2012 डॉ. सरोज डोसी हत्याकांड : संयोगितागंज इलाके में 50 वर्षीय डॉ. सरोज डोसी की हत्या कर दी गई थी। पलासिया में 8 साल पहले हुए कर्नल हत्याकांड का भी खुलासा नहीं हुआ।
3. वर्ष 2015 कविता रैना हत्याकांड: पुलिस अब तक मुख्य आरोपी का पता नहीं लगा सकी है।
4. वर्ष 2017 तनु राजौरिया हत्याकांड : पुलिस आरोपियों तक तो पहुंची, लेकिन शव के टुकड़े और कोई साक्ष्य बरामद नहीं कर सकी, जिससे आरोपी छूट गए।
5. वर्ष 2018 में मेहंदी कुंड में हुए युवक हिमांशु और श्रेया की हत्या में फरार आरोपी ईश्वर भील जिस पर गोवा पुलिस ने भी एक लाख का इनाम रखा है, उसे भी पुलिस नहीं पकड़ सकी।
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