चालीहा महोत्सव 16 से, इस बार बहराणा सजेगा पर न भंडारा होगा और न शोभायात्रा निकलेगी

सिंधी समाज का चालीहा महोत्सव 16 जुलाई से शुरू होकर 24 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान श्रद्धालु 40 दिन तक व्रत रहेंगे और बहराणा सजाकर नियमित पूजा करेंगे। 41वें दिन 25 अगस्त को चालीहा का समापन होगा। सिंधी समाज के पंडित डॉ. सुनील शर्मा का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से इस बार मंदिरों में हवन तो होंगे, लेकिन भंडारे का आयोजन नहीं किया जाएगी। इसी तरह चालीहा महोत्सव के अंत में शोभायात्रा नहीं निकाली जाएंगी।
श्रद्धालु दो तरह के रखते हैं व्रत
चालीहा में व्रत रखने की दो अलग-अलग परंपराएं हैं। इनमें कुछ श्रद्धालु पूरे 40 दिन व्रत रखते हैं और कुछ शुरुआत के 9 दिन व अंत के 9 दिन व्रत रखते हैं। पं. सुनील शर्मा के मुताबिक इस दौरान श्रद्धालु दिनभर में एक समय ही भोजन करते हैं। सीमित कपड़े पहनते हैं। साबुन तेल का प्रयोग नहीं करते हैं। इतना ही नहीं 40 दिन तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु पैरों में चप्पल या जूतों को भी प्रयोग नहीं करते हैं।



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