सब्जी और आरओ वाटर के सैंपल लेना भूला विभाग, स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा

कोरोना संक्रमण काल में एक तरफ लोगों के स्वास्थ्य स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दिए जाने का प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बीते 4 महीनों से कैन के आरओ वाटर और सब्जी का एक भी सैंपल विभाग ने नहीं लिया है। तेल, आटा, मैदा, जैसे अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच भी चौपट पड़ी हुई है। इनके इक्का-दुक्का सैंपल ही लिए गए हैं।
लॉकडाउन का फायदा उठाने की आशंका, सैंपल लेना जरूरी: लॉकडाउन में जिले में मिलावटी माल बाजार में खपाया जा रहा है। इस आशंका को देखते हुए सैंपलिंग जरूरी है।
पुराना माल भी बाजार में पाया जा सकता है, ऐसे में जांच जरूरी हो जाती है। सब्जियों में पूर्व में केमिकल मिलावट सामने आती रही है। ककोड़ा, परमल में हानिकारक हरा रंग मिलाए जाने की पुष्टि पूर्व में सब्जी सैंपल जांच में हुई थी। इसके बावजूद पांच माह में एक भी सैंपल नहीं लिए गए।

आरओ वाटर हमारे दायरे में नहीं आता
हम केवल पीएचई के सरकारी जल स्रोतों के पानी के सैंपल लेकर जांच करवाते हैं। आरओ वाटर के सैंपल लेना हमारे दायरे में नहीं आता है। रंजन सिंह ठाकुर, कार्यपालन यंत्री, पीएचई



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