अब एक बार में ही फाइनल सर्वे होगा, दिसंबर के बाद आएगी टीम

2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण के केंद्र ने मानक बदल दिए गए हैं। अब तक चार कैटेगरी पर परीक्षा होती थी लेकिन इस बार तीन कैटेगरी रहेंगी। साथ ही पूरा सर्वे एक बार में ही किया जाएगा। इसके लिए दिसंबर के बाद टीम आएगी। नई व्यवस्था के तहत गुरुवार को केंद्र सरकार ने पोर्टल के माध्यम से नगरीय निकाय के अफसरों को ट्रेनिंग दी।

इसमें कहा गया है कि अगली पांच तारीख तक सर्वे के नियमों के अनुसार जानकारी को ऑनलाइन अपलोड करें। कोई निगम डाटा भरने में चतुराई न दिखाए इसलिए पूरा डाटा नए सिर से भरने को कहा गया है। इस बार सर्वेक्षण में पूर्णांक तो 6000 नंबर को ही रहेगा लेकिन कैटेगरी तीन रखी गई हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस 2400 नंबर, सर्टिफिकेशन के 1800 और जनता की आवाज (सिटीजन वाॅइस) के 1800 नंबर रहेंगे। हर कैटेगरी के अलग-अलग बिंदु रहेंगे। उसी हिसाब से नगर निगम को काम करना पड़ेगा।

ये दो बातें ध्यान में रखना होंगी: स्वच्छ सर्वेक्षण में जो सुविधा पहले दी जा चुकी है, उसका उपयोग हो रहा है या नहीं। {सुविधा शहरवासियों के लिए कब दी गई थी। सुविधा का अनुबंध कब तक है। यदि खत्म हो रहा है तो उसका उपयोग देखकर आगे बढ़ाया जा सकता है।
पहली बार प्रेरक अवार्ड: केंद्र सरकार ने हर शहर के लिए पहली बार स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रेरक अ‌वार्ड तय किए हैं। इनमें सबसे पहले प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर, ब्रोंज और एक्सपायरिंग अवार्ड शामिल किया गया है। प्लेटिनम अवार्ड के लिए निगम को वार्डों में 95% कचरे का सेग्रीगेशन करना होगा। 91% वेस्ट प्रोसिंग (गीला-सूखा कचरा), सीएंडडी वेस्ट जितना निकलता है, उसका 50% उपयोग हो रहा है या नहीं। शहर में सीवर के पानी का रीयूज हो रहा हो। गोल्ड अवार्ड के लिए 75% सेग्रीगेशन, 81% प्रोसेसिंग, 41% सीएंडडी वेस्ट का उपयोग, ओडीएफ डबल प्लस, सिल्वर अवार्ड के लिए सेग्रीगेशन 55%, प्रोसेसिंग 71% और ओडीएप प्लस का होना जरूरी है। ये ही अवार्ड मुख्य हैं, जो स्वच्छता रैकिंग में नंबर दिलाएंगे।



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