6 माह में खत्म होगा कोर्स, ऑनलाइन टेस्ट में देंगे अलग-अलग प्रश्नपत्र
भास्कर संवाददाता | खंडवा
नई शिक्षा प्रणाली में कक्षा 9वीं से 12वीं तक का काेर्स छह महीने में पूरा होगा। विद्यार्थियों के 12 यूनिट होंगे। 15 दिन में एक यूनिट खत्म होगी। इसके बाद 100 नंबर का टेस्ट होगा। हर विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र मिलेंगे। प्रश्नपत्र में 30 नंबर के 30 प्रश्न बहुविकल्पीय, 3 अंक के 10 प्रश्न विषयात्मक एवं 4 अंक के 10 प्रश्न अनुप्रयोगात्मक होंगे।
1 सितंबर से जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक शिक्षण सत्र की ऑनलाइन शुरुआत होने जा रही है। नई शिक्षा व्यवस्था की घोषणा के साथ माशिमं के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। निर्देश दिए गए कि प्राचार्य एवं उनके अधीनस्थ शिक्षक अपने एंड्रॉयड मोबाइल में MASHIM एप डाउनलोड करें। प्राचार्य अपने विषय शिक्षकों के माध्यम से 12 अध्यायों के प्रश्नपत्र तैयार करवाएं। शिक्षक उक्त एप पर अपलोड करेंगे। प्राचार्य स्कूल के विद्यार्थियों को भी उनके मोबाइल पर इस एप काे अपलोड करवाएंगे। एप डाउनलोड होने के बाद विद्यार्थियांे को आंतरिक मूल्यांकन पद्धति के दाैरान रैंडम पद्धति से प्रश्नपत्र उनके मोबाइल पर ऑनलाइन भेजे जाएंगे। जिसे विद्यार्थी अपलोड कर प्रिंट निकालकर हल करेगा। हार्ड कॉपी शिक्षक के पास जमा करेगा। जांच कर शिक्षक अंक उक्त एप में अपलोड करेगा। छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के 70% एवं वार्षिक परीक्षा के 30% अंक दिए जाएंगे।
ऐसी होगी नई शिक्षा नीति
1. एक सितंबर से शिक्षण सत्र की ऑनलाइन शुरुआत।
2. छः महीने के अंदर कोर्स खत्म करना होगा।
3. एक यूनिट के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया।
4. प्रत्येक यूनिट का बोर्ड द्वारा ऑनलाइन एसेसमेंट किया जाएगा।
5. प्रश्नपत्र सीधे छात्र के मोबाइल पर भेजा जाएगा।
6. प्रश्नपत्र 100 अंक का होगा, जिसमें एक-एक नंबर के 30 प्रश्न ऑब्जेक्टिव, 10 प्रश्न 3 अंक के एवं 10 प्रश्न 4 अंक के होंगे।
7. प्रश्नपत्र हल करने के बाद छात्र उत्तरपुस्तिका अपने विद्यालय के शिक्षक के पास जमा कराएंगे।
8. विद्यालय के शिक्षक उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के बाद अंक बोर्ड की साइट पर मोबाइल एप के माध्यम से भेजेंगे।
9. इस प्रकार 70% अंक विद्यालय द्वारा भेजे जाएंगे तथा 30% प्रतिशत अंकों के लिए बोर्ड की परीक्षा होगी।
10. इंटरनल एसेसमेंट के 70% तथा 30% बोर्ड परीक्षा के अंकों को जोड़कर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
कमी : ऑनलाइन व्यवस्था में यहां आ सकती है समस्या
जिले के सरकारी स्कूलों में अधिकतर विद्यार्थी गरीब हैं। इनके अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। अब नई शिक्षा प्रणाली के तहत ऑनलाइन परीक्षा होती है तो कई विद्यार्थी इससे जुड़ नहीं पाएंगे। यही नहीं, कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां विषय के शिक्षक ही नहीं हैं।
1 सितंबर से नई शिक्षा प्रणाली से ऑनलाइन पढ़ाई और परीक्षा होगी। हमारे पूरे प्रयास होंगे कि हर छात्र इससे जुड़ें। शिक्षकों की कमी को भी पूरा किया जाएगा। -जेएस छाबड़ा, समन्वयक, रमसा
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