लॉकडाउन के दौरान बच्चों के ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के मामले बढ़े, परिजन जागरूक रहें

हर माता-पिता की चिंता होती है कि उनका बच्चा सुरक्षित रहे। माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय अपनाते हैं। हाल ही में सीएसएएम (चाइल्ड सेक्स एब्यूज मटेरियल) के अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी बढ़ने के कारण बच्चों के ऑनलाइन यौन उत्पीड़न में वृद्धि हुई है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग भरत सिंह राजपूत ने बताया कि छोटे उम्र के बच्चे यौन उत्पीड़न जैसे शर्मनाक कृत्य के शिकार हो सकते हैं। माता-पिता को यह जानना जरूरी है कि उत्पीड़न में पक्षपात या लिंगभेद नहीं होता है। ऐसा करने वाले अपराधी करीबी रिश्तेदार, दोस्तों के परिवार वाले, स्कूल में कोई व्यक्ति अथवा आसपास के लोग भी हो सकते हैं। बच्चों से दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति महिला या पुरूष भी हो सकते हैं। माता-पिता को यह जानना आवश्यक है कि इन परिस्थितियों से बचने के लिए क्या उपाय किए जाएं। बच्चों को कैसे शिक्षित किया जाए। इससे बचने के लिए माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को गुड टच एण्ड बैड टच के बारे में बताएं। यदि कोई व्यक्ति गलत कृत्य करता है तो बच्चों को अपने माता-पिता या किसी करीबी विश्वसनीय व्यक्ति को बताना चाहिए। इस प्रकार की किसी भी घटना की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल टोल फ्री नम्बर 18001027222 पर दर्ज कराई जा सकती है।



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